नई दिल्ली. पंचायत टाइम्स की लाइव टीम इस वक्त गुजरात दौरे पर है. गुजरात की राजनीति की नब्ज पकड़ने के लिए हमारे संवाददाता कुमार गौरव ने पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रदीप मल्लिक से बात की. मल्लिक काफी वर्षों से पत्रकारिता से जुड़े हुए हैं और गुजरात की राजनीति पर पैनी नजर रखते हैं. उन्होंने प्रदेश में चल रही राजनीतिक हलचल पर अपनी राय रखी.
मोदी के आगे फीकी पड़ीं आनंदी बेन पटेल
सबसे पहले मोदी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी देश से पहले प्रदेश के सबसे बड़े नेता हैं. उन्होंने कहा कि जबतक नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. कांग्रेस को समझ नहीं आ रहा था कि भाजपा को कैसे हराएं. वहीं अब जब मोदी ने राज्य की राजनीति छोड़ भारत के प्रधान मंत्री बन गए हैं उससे कांग्रेस को एक उम्मीद की किरण दिखी है. वह आगे कहते हैं कि शायद यही कारण है कि मोदी के विराट व्यक्तित्व के आगे आनंदीबेन पटेल फीकी लगीं. उन्होंने यह भी कहा कि यह और बात है कि आनंदी बेन के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के दौरान दलितों पर अत्याचार बढ़े, पटेलों का मुद्दा गरमाया जिस कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
ज्यादा सीटों से होगा मॉरल बूस्ट
प्रदीप वर्तमान चुनाव की बात करते हुए कहते हैं कि विधानसभा के चुनाव में 2 सीट का भी अगर भाजापा या कांग्रेस को बढ़त मिलती है तो इसे एक मॉरल बूस्ट की तरह समझा जाएगा. उनका कहना है कि कांग्रेस जरूर चाहती होगी कि जिस तरह से राहुल गांधी ने पूरी ताकत झोंक दी है उससे पहले से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए. पूरे गुजरात की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सेंट्रल गुजरात में कांग्रेस की अच्छी पकड़ है. सौराष्ट्र में भाजपा मजबूत है. अर्बन गुजरात में भाजपा ने अच्छी पकड़ बनाई है. वहीं वह कहते हैं कि कच्छ ऐसा क्षेत्र है जहां दोनों पार्टियों का बोलबाला है.
कांग्रेस का मुख्यमंत्री चेहरा!
जब हमारे संवाददाता पूछा कि कांग्रेस से मुख्यमंत्री का चेहरा कौन बन सकते हैं तो उन्होंने इस पर कहा कि शक्ति सिंह गोयल एक बड़ा नाम हैं. सबसे युवा मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि शक्ति सिंह गोयल कांग्रेस पाॉर्टी में एक ऐसे नेता के रूप में जाने जाते हैं जिन्हें सबको साथ लेकर चलना आता है. भरत सिंह सोलंकी के बारे में उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री बने लेकिन उनके काम की उपलब्धि पर संशय है. वह आगे कहते हैं कि भरत सिंह सोलंकी ने राज्य के लिए कुछ विशेष किया हो ऐसा नहीं लगता.
उभरते युवा नेता-जाति की राजनीति
प्रदीप ने तीन युवा नेताओं की तारीफ करी. उन्होंने कहा कि तीनों नेता उभर कर आए हैं अच्छी बात है लेकिन दुख की बात है कि वह केवल जाति की राजनीति करते हैं. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में विकास नहीं बल्कि जाति ही मुद्दा है क्योंकि विकास तो यहां कॉमन फैक्टर है. उन्होंने हार्दिक पटेल को पूरे पटेल के नेता के तौर पर मानने से मना कर दिया. वहीं उन्होंने कहा कि केशुभाई पटेल को पटेलों के नेता कहा जा सकता है.
सोशल मीडिया का महत्व
भाजपा की बात करते हुए प्रदीप ने कहा कि भाजपा की सबसे बड़ी भूल यह है कि वह यह समझ नहीं पाए कि एक जाति विशेष उनसे नाराज है. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं करने पर भाजपा की तारीफ की. सोशल मीडिया का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि एक रिसर्च के मुताबिक 130 ऐसे विधानसभा सीट हैं जहां इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा इस ओर इशारा करता है कि 2-5 पर्सेंट वोटों पर प्रभाव पड़ सकता है लेकिन इससे सीटों पर कोई असर पड़ेगा ऐसा नहीं लगता.