शिमला : ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने ई-पंचायत प्रोजेक्ट से पंचायत को पेपरलेस बनाने के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया.इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण तथा इनके कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए वचनबद्ध है. इसी दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के ई-पंचायत प्रोजेक्ट को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है. परियोजना के प्रथम चरण में 163 ग्राम पंचायतों के विभिन्न 9 रजिस्टरों को पेपरलैस करने का निर्णय लिया है.
ई-पंचायत परियोजना के अन्तर्गत 12 विभिन्न सॉफटवेयर एप्लीकेशन हैं, जिन्हें अपनाने से पंचायतों के रोजमर्रा के कार्यों में पारदर्शिता आएगी. आरम्भ में प्रदेश सरकार द्वारा 7 सॉफटवेयर एप्लीकेशन को अपनाया गया है. इस परियोजना के अन्तर्गत पंचायती राज विभाग द्वारा प्रदेश की सभी 3226 ग्राम पंचायतों के 9 रजिस्टरों को पेपर लेस करने का निर्णय लिया है. इन 9 रजिस्टरों में ग्राम पंचायतों के रोकड़ बही, लैजर, स्टॉक रजिस्टर, जन्म पंजीकरण तथा प्रमाण पत्र, मृत्यु पंजीकरण तथा प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण तथा प्रमाण पत्र, रसीद का प्रारूप, सहायता अनुदान राशि रजिस्टर व स्टॉक मैटीरियल रजिस्टर शामिल हैं.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में प्रदेश की सभी 3226 ग्राम पंचायतों को पेपरलेस किया जाएगा. इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य 31 अगस्त, 2017 निर्धारित किया गया है. इन रजिस्टरों को पेपर लैस करने से पंचायतों की कार्य प्रणाली में सुधार तो आएगा ही, साथ में इस प्रकार के रिकॉर्ड को कम्पयूटर में सुरक्षित रखने से इनके गुम होने अथवा आगजनी की घटनाओं में नष्ट होने की आशंका भी लगभग शून्य हो जाएगी.