नई दिल्ली. पंजाब (Punjab) में आई बाढ़ ने किसानों की फसल, मेहनत और सपनों को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। लेकिन Aam Aadmi Party government ने इस मुश्किल समय में किसानों का साथ दिया। मुख्यमंत्री Bhagwant Mann ने तुरंत प्रभाव से बड़ा निर्णय लिया और घोषणा की कि हर प्रभावित किसान को ₹20,000 per acre compensation दिया जाएगा। यह राहत राशि न केवल पंजाब बल्कि पूरे देश में अब तक सबसे अधिक मानी जा रही है।
अन्य राज्यों की तुलना में पंजाब का राहत पैकेज
जहाँ हरियाणा (Haryana) में किसानों को अधिकतम ₹15,000 per acre, गुजरात (Gujarat) में करीब ₹8,900 per acre, मध्य प्रदेश (MP) में लगभग ₹12,950 per acre, और उत्तर प्रदेश व राजस्थान में ₹5,000 से ₹7,000 per acre तक सहायता मिलती है, वहीं पंजाब ने सीधे ₹20,000 per acre का बड़ा कदम उठाया है। इसके अलावा बाढ़ में जान गंवाने वाले परिवारों को ₹4 लाख compensation देने और खेतों में जमी रेत को बेचने की अनुमति देकर किसानों को तात्कालिक आर्थिक मदद भी प्रदान की जा रही है।
संकट की घड़ी में किसानों का साथ
यह राहत राशि सिर्फ़ कागज़ी नहीं है, बल्कि किसानों के संघर्ष को समझते हुए उन्हें तत्काल मदद पहुंचाने का प्रयास है। बाढ़ से प्रभावित खेतों और टूटे घरों के बीच परेशान किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने यह मदद शुरू की है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि “किसान अगर संकट में होगा तो पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, इसलिए पहले किसान की मदद जरूरी है।”
मुआवज़ा नहीं, भरोसा है
यह सहायता राशि सिर्फ पैसों की मदद नहीं, बल्कि किसानों को भरोसा दिलाने का प्रयास है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। संकट के समय में यह संदेश पूरे पंजाब में फैल रहा है कि किसानों को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। राहत पैकेज ने साबित कर दिया है कि पंजाब में किसान सिर्फ वोटर नहीं, बल्कि राज्य की रीढ़ हैं। सरकार का यह कदम उन्हें संघर्ष से उबरने और भविष्य की योजनाओं में विश्वास देने वाला है।
किसान की जीत ही पंजाब की जीत
पंजाब सरकार का यह निर्णय साफ़ करता है कि किसानों की भलाई से ही प्रदेश की समृद्धि जुड़ी है। मुख्यमंत्री मान ने राहत की राशि को सबसे ऊपर रखकर देश में मिसाल कायम की है। यह पहल न केवल किसानों की आर्थिक मदद कर रही है, बल्कि उन्हें मानसिक सहारा भी दे रही है कि कठिन समय में वे अकेले नहीं हैं।