नई दिल्ली. राजस्थान में संदिग्ध कफ सिरप (Cough Syrup) से बच्चों की मौत का मामला और गहराता जा रहा है। सीकर जिले में दो और बच्चे स्थानीय डॉक्टर द्वारा लिखी गई कफ सिरप पीने के बाद बेहोश हो गए। दोनों को जयपुर के जेके लोन अस्पताल (JK Lone Hospital) के ICU में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है। परिवार के अनुसार, बच्चों को 16 सितंबर को सर्दी-जुकाम हुआ था और उन्हें हाथीदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में Dextromethorphan युक्त सिरप दी गई थी। सिरप पीने के कुछ ही समय बाद दोनों बच्चे बेहोश हो गए।
अब तक राजस्थान में संदिग्ध कफ सिरप विषाक्तता से तीन बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि दो ICU में हैं। वहीं मध्य प्रदेश में नौ बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है।
केयसन फार्मा की दवाओं पर रोक – Quality Concern के चलते बड़ा कदम
राजस्थान सरकार ने Kaysons Pharma की सभी 19 दवाओं के वितरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सरकार ने यह कदम दवाओं की गुणवत्ता पर उठी चिंताओं के बाद उठाया है। इसके साथ ही राज्य के ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को भी सस्पेंड कर दिया गया है, जिन पर फार्मास्यूटिकल स्टैंडर्ड तय करने की प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2012 से अब तक केयसन फार्मा के 10,000 से अधिक सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 42 नमूने गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे।
केंद्र सरकार ने भी दोहराया है कि Dextromethorphan युक्त कफ सिरप चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए।
राज्य सरकार की सख्ती: ड्रग कंट्रोलर सस्पेंड, जांच के आदेश
राजस्थान सरकार ने बच्चों की मौत के सिलसिले में त्वरित कार्रवाई करते हुए राज्य के ड्रग कंट्रोलर को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, जयपुर स्थित Kaysons Pharma की सभी दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी गई है जब तक कि जांच पूरी नहीं होती।
अधिकारियों ने बताया कि राज्यभर में Dextromethorphan वाले सभी कफ सिरप का वितरण अस्थायी रूप से रोक दिया गया है ताकि किसी भी तरह का नया जोखिम टाला जा सके।
19 दवाएं सस्पेंशन में, जांच जारी
राज्य स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि Kaysons Pharma की 19 दवाओं को “अगले आदेश तक” सस्पेंड किया गया है। यह कदम बढ़ती शिकायतों और संदिग्ध सिरप सैंपलों में गड़बड़ी की रिपोर्टों के बाद उठाया गया है।
Rajasthan Medical Services Corporation Ltd. (RMSCL) के प्रबंध निदेशक पुखराज सेन ने बताया कि अब तक के परीक्षणों में 42 नमूने फेल पाए गए हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है।
सीएम ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश, बनेगी विशेषज्ञ समिति
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच (High-level Inquiry) के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ तेज और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, एक Expert Committee गठित की जाएगी जो संदिग्ध दवाओं में मिलावट की जांच करेगी और उत्पादों की सुरक्षा का आकलन करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं और दवा आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन और नई सेफ्टी नॉर्म्स
प्रधान सचिव गायत्री राठौर ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले ही 2021 में Advisory जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि Dextromethorphan चार साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जानी चाहिए।
राज्य सरकार ने इस चेतावनी को दोहराया है, जबकि DCGI (Drug Controller General of India) ने स्पष्ट किया है कि यह सिरप केवल 5 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को दी जा सकती है, और 2 वर्ष से कम को हरगिज़ नहीं।
आगे से सभी दवाओं पर स्पष्ट चेतावनी (Warning Label) लगाना अनिवार्य होगा, खासकर उन दवाओं पर जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिमपूर्ण हो सकती हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर एक्शन: तमिलनाडु में Coldrif सिरप का उत्पादन रोका गया
इस बीच तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल विभाग (Tamil Nadu Drugs Control Department) ने Coldrif cough syrup के उत्पादन पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए हैं। जांच में सिरप के एक बैच में Diethylene Glycol, यानी ज़हरीले केमिकल की मौजूदगी पाई गई है — जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई Cough Syrup Death Cases से जुड़ा रहा है।
विभाग के डिप्टी डायरेक्टर एस. गुरुभारती ने बताया कि निर्माता को Show Cause Notice भेजी गई है और उसका Manufacturing License रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
देशभर में जांच तेज, Pharma Standards पर उठे सवाल
राजस्थान और मध्य प्रदेश में कुल 11 बच्चों की मौत के बाद अब पूरे देश में Cough Syrup Manufacturing Practices की गहन जांच शुरू हो गई है।
फार्मा कंपनियों की Quality Testing, Regulatory Procedures और Labeling Norms को लेकर सरकार ने समीक्षा शुरू कर दी है ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।