नई दिल्ली. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 12 अप्रैल को कहा कि राजस्थान डेटा सेंटर नीति 2025 अगले पांच वर्षों में राज्य में लगभग ₹20,000 करोड़ का निवेश लाएग। उन्होंने कहा कि नीति का उद्देश्य राजस्थान में निजी क्षेत्र में डेटा केंद्रों की स्थापना को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि इस नीति की घोषणा राज्य के बजट 2024-25 में की गई थी।
राजस्थान को डाटा सेंटर क्षेत्र का प्रमुख हब बनाना है
उन्होंने एक बयान में कहा कि राजस्थान डाटा सेंटर नीति-2025 का लक्ष्य राज्य में विश्व स्तरीय डाटा सेंटर इकोसिस्टम विकसित कर राजस्थान को डाटा सेंटर क्षेत्र का प्रमुख हब बनाना है। यह नीति राज्य में डाटा प्रबंधन, प्रदर्शन और सुरक्षा के हाई स्टैंडर्ड को सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित करने में मदद करेगी।
इस नीति के तहत डाटा सेंटर क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं, जिनमें 10 वर्षों के लिए 10-20 करोड़ रुपये का वार्षिक परिसंपत्ति सृजन प्रोत्साहन, 100 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाले पहले 3 डाटा सेंटरों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त सनराइज प्रोत्साहन, 5 वर्षों के लिए 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान, बैंकिंग, ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क में 100 प्रतिशत छूट, भूमि से संबंधित लचीली भुगतान सुविधा, स्टांप ड्यूटी, लैंड कन्वर्सेशन और बिजली शुल्क में छूट और 10 करोड़ रुपये तक के बाहरी विकास शुल्क से छूट शामिल है।
युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी क्रिएट होंगे
नई नीति में पर्यावरण संरक्षण और कार्मिकों की दक्षता बढ़ाने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत डाटा सेंटर कर्मचारियों की कार्यकुशलता में सुधार के लिए व्यय की गई राशि का 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति, ग्रीन सॉल्यूशन इंसेंटिव के रूप में 12.5 करोड़ रुपए तक 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति, जीआई टैग, पेटेंट, कॉपीराइट एवं ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन पर एक करोड़ रुपए तक 50 प्रतिशत सहायता, बिल्डिंग बायलॉज में छूट तथा निरंतर विद्युत आपूर्ति का प्रावधान शामिल है।
इस नीति में डाटा सेंटर को आवश्यक सेवाओं के रूप में मान्यता देने और बिल्डिंग बायलॉज में विशेष प्रावधान करने जैसी नई पहल शामिल हैं। देश में डाटा सेंटर मुख्य रूप से मुम्बई, चेन्नई, दिल्ली, बेंगलुरू, पुणे, हैदराबाद तथा कोलकाता जैसे बड़े शहरों में केंद्रित हैं।
राजस्थान में भी प्रचुर स्थान उपलब्ध होने, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों और राज्य सरकार की दूरदर्शी नीति के कारण ग्रीन फील्ड डाटा सेंटर स्थापित करने की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि इस नीति के लागू होने के बाद अगले पांच वर्षों में राज्य में करीब 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश होने की उम्मीद है। इसके साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी क्रिएट होंगे।