जयपुर: सरकारी भर्तियों में पेपर लीक प्रकरण पर एक बार कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं. सीएम गहलोत ने जहां पेपर लीक प्रकरणों पर नकेल कसने के लिए मौजूदा कानून को और ज्यादा सख्त करने की पैरवी की, तो वहीं भाजपा ने कुछ सवाल उठाते हुए सरकार को घेरना जारी रखा.
ऐसे में साफ है कि पेपर लीक प्रकरण पर आने वाले दिनों में सियासत और गरमाने वाली है और ये मुद्दा इस चुनावी वर्ष में भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों के साथ प्रमुख रहने वाला है.
अब पेपर लीक किया, तो होगी उम्रकैद
सीएम गहलोत ने पेपर लीक प्रकरणों पर लगाम लगाने के लिए सरकार की मंशा साझा की. उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को RPSC, DOP, RSSB एवं अन्य हितधारकों के साथ चर्चा कर बेहतर प्रक्रिया तैयार करने के लिए निर्देशित किया है. पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में भी अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है.’
विधानसभा में फिर गर्माएगा मुद्दा
पेपर लीक का मुद्दा आगामी विधानसभा सत्र में गरमाना तय माना जा रहा है. इसके संकेत मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया और उसके बाद विरोधी दलों के नेताओं के पलटवार ने दे दिए हैं. सरकार जहां पेपर लीक को लेकर मौजूदा कानून को और सख्त करने के लिए संशोधित विधेयक लेकर आएगी, तो वहीं भाजपा सहित अन्य विरोधी दल अब तक हुए प्रकरणों पर कार्रवाई और जांच में कमियों को लेकर सरकार को घेरेंगे.
कानून के बाद भी पेपर लीक: राठौड़
राठौड़ ने मुख्यमंत्री के ट्वीट को ही रीट्वीट करते हुए उन्हें घोषणावीर कहकर संबोधित किया. जवाब में कहा, ‘आपके शासन में 16 बार पेपर लीक होने का देशभर में रिकॉर्ड बन चुका है. विगत वर्ष फरवरी 2022 में सदन में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2022 लाकर आपने जो कानून बनाया था उसके बाद भी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा, टेक्निकल हेल्पर भर्ती परीक्षा, वनरक्षक परीक्षा, सेकंड ग्रेड परीक्षा का पेपर सरकार की नाक के नीचे लीक हुआ.’
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछते हुए कहा, ‘आप सबसे पहले यह बताएं कि नए कानून के तहत अब तक कितने पेपर लीक के आरोपियों को आपने पकड़ा और सजा दिलवाई है? आपने कितने आरोपियों की संपत्ति जब्त की और किन-किन संस्थाओं की मान्यता रद्द की है?
कानून बनाने वाला राजस्थान पहला राज्य
पेपर लीक प्रकरणों से निपटने के लिए अलग से राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2022 लाकर इसे सख्त कानून बनाने वाला राजस्थान देशभर में पहला और एकमात्र राज्य है. वहीं यदि संशोधित विधेयक पास होकर सजा में उम्र कैद का प्रावधान भी जुड़ जाता है, तब भी ऐसा करने वाला भी राजस्थान एकमात्र और पहला राज्य बन जाएगा.