रामपुर बुशहर(शिमला). जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर एवं रामपुर की अदालत ने मंगलवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को दस साल के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने पर आरोपी को एक साल का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा.
शादी का झांसा भी दिया था
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के रिकांगपिओ कार्यालय में तैनात रामपुर तहसील निवासी नाबालिग के पिता ने रिकांगपिओ पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई थी. उनके शिकायत अनुसार उनकी बेटी अपने सहपाठियों के साथ २ अगस्त 2014 को रिकांगपिओ बचत भवन में एक कार्यक्रम में भाग लेने गई थी.उसके वाद वापस घर नहीं लौटी.छानबीन करने के बाद पता चला कि स्कूल बस के चालक दीनू चंद ने उसका अपहरण कर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया.पता यह भी चला कि दीनू चंद ने उसे शादी का झांसा भी दिया था.
गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर दीनू चंद दोषी
पुलिस ने पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366 और 376 के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की थी. जिसके बाद कोर्ट में गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर चालक दीनू चंद को दोषी ठहराया गया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत दोषी को तीन साल का साधारण कारावास और पांच हजार रुपये जुर्माना किया है. जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी. वहीं भादंसं की धारा 366 के तहत चार साल की साधारण कैद और सात हजार रुपये का जुर्माना किया गया. जुर्माना अदा न करने पर चार माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी.
दोषी के खिलाफ भादंसं की धारा 376(2) के तहत दस साल का कठोर कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा की गई है. जुर्माना अदा न करने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. इस मामले में किन्नौर के जिला न्यायवादी सुरेश हेटा ने पैरवी की.