नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति बैठक में रेपो रेट को यथास्थिति रखते हुए 5.5% पर बनाए रखने का फैसला किया। यह फैसला अमेरिकी व्यापार नीतियों और टैरिफ (Tariff) से जुड़ी अनिश्चितताओं के बीच आया है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि MPC ने सर्वसम्मति से ‘तटस्थ’ (Neutral) रुख बनाए रखा है।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अर्थव्यवस्था और टैरिफ प्रभाव पर बात की
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) ने “बहुत अच्छा प्रदर्शन” किया है और वैश्विक विकास में अमेरिका से बेहतर योगदान दे रही है। उन्होंने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत को ‘Dead Economy’ बताने वाली टिप्पणी के कुछ दिन बाद कही।
आरबीआई मौद्रिक नीति अगस्त 2025 की मुख्य विशेषताएं
रेपो रेट (Repo Rate): 5.5% अपरिवर्तित
MPC का unanimous निर्णय
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए GDP वृद्धि अनुमान: 6.5%
मुद्रास्फीति (Inflation) का अनुमान घटाकर 3.1% किया गया
चालू खाता घाटा (CAD) स्थिर रहने की उम्मीद
मौद्रिक नीति के प्रभाव अभी जारी
फरवरी से 100 बेसिस पॉइंट (BPS) की कटौती का असर बना हुआ है
RBI मृत बैंक खातों और लॉकर क्लेम प्रक्रिया को मानकीकृत करेगा
रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म पर SIP सुविधा शुरू होगी
RBI on Tariff Uncertainties and Global Trade
मल्होत्रा ने कहा कि सेवा क्षेत्र (Service Sector) में तेजी बनी रहेगी, लेकिन टैरिफ घोषणाओं और व्यापार वार्ताओं की अनिश्चितता के कारण बाहरी मांग (External Demand) अस्थिर बनी हुई है। उन्होंने अमेरिकी टैरिफ पर सीधे टिप्पणी नहीं की, जबकि अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25% शुल्क लगाना शुरू कर दिया है।
अगली MPC बैठक कब है?
आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 29 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2025 तक निर्धारित है।