नई दिल्ली. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के दूसरे मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में सजा काट रहे हैं. वहीं खबर आ रही है कि लालू यादव के दो सेवक फर्जी मारपीट का मामला दर्ज करवाकर जेल पहुंच गए हैं. इससे यह माना जा रहा है कि यह दोनों लालू की सेवा के लिए ही पहुंचे हैं.
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थाना प्रभारी आबिद खान को इस मामले पर शक हुआ
कई मामले यह सोचने को मजबूर कर देते हैं कि हमारे देश के कानून का वीआईपी लोग किस तरह से अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर लेते हैं. दो सेवक मदन और लक्ष्मण जो लालू की सेवा के लिए जेल पहुंच गए हैं. मदन ने पड़ोसी सुमित यादव को तैयार किया. उसने मदन पर लक्ष्मण पर मारपीट कर 10 हजार रुपये लूटने का आरोप लगाते हुए डोरंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई. थाना प्रभारी आबिद खान को इस मामले पर शक हुआ और उन्होंने ऐसे हल्के मामले में गिरफ्तार कर आरोपियों को जेल भेजने से इंकार कर दिया. इसके बाद रांची के लोअर बाजार थाना में शिकायत दर्ज करवाया गया. वहां आनन-फानन में केस दर्ज किया गया. दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 323, 504, 379, 34 के तहत केस दर्ज किया गया.
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तो प्रशासन क्या इसी तरह से मूर्ख बनता रहेगा
बताया जा रहा है कि लक्ष्मण और मदन का पता गंगा खटाल हीनू, न्यू साकेत नगर, रांची दिया गया है. यह दोनो
रांची में दूध का कारोबार करते हैं. लालू के बहुत पुराने परिचित हैं. लालू यादव जब भी रांची रुकते हैं यह दोनों
उनके खाने-पीने से लेकर हर सेवा करते हैं. तो प्रश्न यह उठता है कि क्या इन दोनों के जेल जाने का मकसद सिर्फ
लालू की सेवा है. तो प्रशासन क्या इसी तरह से मूर्ख बनता रहेगा और आंखे मूंदे रखेगा.