नई दिल्ली. देश की राजनीति से जुड़े एक हाई-प्रोफाइल मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। शिकोहपुर भूमि सौदा (Shikohpur Land Deal) मामले में ईडी ने बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र (Prosecution Complaint) दाखिल करते हुए 11 व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपी बनाया है।
43 संपत्तियाँ कुर्क, 37.64 करोड़ रुपये की कार्रवाई
इस मामले में ईडी ने वाड्रा और उनकी कंपनी Skylight Hospitality Pvt. Ltd. से जुड़ी 43 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है, जिनकी कुल कीमत ₹37.64 करोड़ बताई जा रही है। ये सभी संपत्तियाँ कथित तौर पर गुरुग्राम के शिकोहपुर (Sector 83) में एक संदिग्ध जमीन सौदे से संबंधित हैं।
मामला क्या है?
यह मामला 12 फरवरी 2008 को ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. से 3.53 एकड़ जमीन की खरीद से जुड़ा है। आरोप है कि जमीन खरीद के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया और वाड्रा ने कमर्शियल लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अपना राजनीतिक रसूख इस्तेमाल किया। 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने FIR नंबर 288 दर्ज कर इस धोखाधड़ी की जांच शुरू की थी।
किन लोगों पर दर्ज हुआ है आरोप पत्र?
ईडी की ओर से जिन 11 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दाखिल की गई है, उनमें प्रमुख नाम हैं:
रॉबर्ट वाड्रा,Skylight Hospitality Pvt. Ltd..सत्यानंद याजी, कवल सिंह विर्क,Omkareshwar Properties Pvt. Ltd.
वाड्रा की सफाई: “यह राजनीतिक साजिश है”
इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। उनके ऑफिस से जारी बयान में कहा गया, “मुझे विश्वास है कि सच्चाई सामने आएगी और मुझे बरी कर दिया जाएगा।” वाड्रा ने कहा कि उन्हें अभी तक कोर्ट से शिकायत की कॉपी नहीं मिली है और ना ही उन्हें जवाब देने का अवसर मिला है।
उन्होंने दोहराया कि वे इस मामले में शुरू से जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग करते रहे हैं और वे अदालत में अपने पक्ष को मजबूती से रखने के लिए तैयार हैं।
कोर्ट ने अभी नहीं लिया संज्ञान
गौरतलब है कि राउज एवेन्यू कोर्ट ने अभी तक आरोप पत्र पर कानूनी संज्ञान (Cognizance) नहीं लिया है। यानी फिलहाल यह तय नहीं हुआ है कि सभी आरोपियों पर मुकदमा चलेगा या नहीं।