नई दिल्ली. पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड के बाद एक और बैंक से अरबों के घोटाले का मामला सामने आया है. यह घोटाला उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ है जो कलम बनाने वाली नामी कंपनी रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी से जुड़ा हुआ है. रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी की ओर से अलग-अलग बैंकों में तकरीबन 500 करोड़ लोन लेकर भागने का आरोप है.
कंपनी के मालिक मालिक विक्रम कोठारी ने 5 सरकारी बैंकों से 500 करोड़ से ज्यादा का लोन लिया था. जिसमे इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल है. ख़बरों के मुताबिक इन बैंकों ने भी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कोठारी को लोन दिया. कोठारी ने सबसे अधिक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ का लोन लिया है. वहीं इसके बाद इलाहाबाद बैंक ने भी 352 करोड़ का क़र्ज़ दिया है.
विक्रम कोठारी भी कई दिनों से लापता बताए जा रहे हैं. कानपुर स्थित रोटोमैक कंपनी के ऑफिस में भी कई दिनों से ताला लगा हुआ है. इलाहाबाद बैंक से भी 352 करोड़ की कोठारी की संपत्तियों को बेचकर पैसे वापस रिकवर होने की उम्मीद जताई है. कोठारी ने एक साल बीत जाने के बावजूद न तो ब्याज़ चुकाया है और न ही क़र्ज़ की रकम वापस की है. बता दें कि रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पान पराग के संस्थापक एमएम कोठारी के बेटे हैं.