मंडी (सरकाघाट). सरकाघाट में ज्यों-ज्यों विधान सभा चुनावों की तिथि नज़दीक आ रही है, केंद्रीय विद्यालय खोलने का मुद्दा जोर पकड़ रहा है.यहां मतदाताओं में केंद्रीय विद्यालय की चर्चा चल पड़ी हैं. पिछले 20 सालों से हर चुनाव में क्षेत्र के नेता, स्थानीय जनता को इस विद्यालय का लॉलीपॉप थमाते रहे हैं. हालांकि चुनाव समाप्त होने के बाद यह वायदा कभी पूरा नहीं हुआ.
अच्छे स्कूल का अभाव
सरकाघाट उपमंडल में धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की एक दर्जन पंचायतों के साथ-साथ सरकाघाट और भोरंज विधानसभाओं से करीब तीन लाख निवासियों में से पचास हज़ार के करीब पूर्व एवं कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या है और उनके बच्चों के लिए कोई भी आदर्श विद्यालय नहीं है.
कोई नहीं टिकता यहां
सैनिकों और केंद्रीय कर्मचारियों के परिवारों के साथ-साथ स्थानीय संस्थाओं में जैसे अस्पतालों के डाक्टर, कालेज के प्रोफेसर और अन्य विभागों के अधिकारी भी यहाँ पर किसी अच्छे शिक्षण संस्थान के अभाव में नौकरी करने से कतराते हैं. इन तीनों विधान सभा क्षेत्रों की करीब पांच लाख की आबादी की यही मांग हमेशा रहती है.
क्षेत्र निवासी कृष्ण चंद, राम लाल, नरेश कुमार, व्यापार मंडल के अध्यक्ष ओमप्रकाश ठाकुर, लीला धर, राधा, कमलेश कुमारी, शांति देवी, लीला देवी, सूबेदार मोहन लाल, कैप्टन रघुवीर सिंह, बालम राम, ध्यान चंद, पूर्व केंद्रीय सरकार के अधिकारी भीष्म सिंह, धनी राम, सुभाष ठाकुर और जोगिन्दर सिंह का कहना है की जिस दल का उमीदवार उनको केंद्रीय विद्यालय खोलने का पक्का वायदा करेगा उसी को अपना समर्थन देंगे.
पवन ठाकुर ने किया वादा
इस बारे में कांग्रेस प्रत्याशी पवन ठाकुर का कहना है कि यदि उनको क्षेत्र की जनता अपना आशीर्वाद देती है तो वे केंद्रीय विद्यालय खुलवाने का पूरा प्रयास करेंगे. वहीं भाजपा के सांसद पंडित रामस्वरूप ने बताया कि वे सरकाघाट में केंद्रीय विद्यालय खुलवाने बारे में प्रयास रत हैं और इस बारे केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री को पत्र लिख कर उनसे निजी तौर पर मिल भी चुके हैं.
इसलिये उन्हे पूरा यकीन है कि सरकाघाट में केंद्रीय विद्यालय खुल जाएगा