रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन हंगामे के साथ शुरू हुआ. सभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले सदन की सीढ़ियों पर पक्ष और विपक्ष दोनों बैठा हुआ था. सरकार की ओर से गिरिडीह विधायक सुदिव्य सोनू, मथुरा महतो सहित तमाम विधायक बैठे हुए थे.
सभी के हाथों में हम है आदिवासी, हम है जंगल के मालिक, पूंजिपतियों को जंगल बेचना बंद करो, आदिवासी-मूलवासी को जंगल से बेदखल करने की साजिश बंद करो, जंगल हम आदिवासियों का स्वाभिमान इसे बेचना बंद करो लिखी तख्तियां थी.
विपक्ष ने सदन के बाहर भी सरकार को घेरा
वहीं विपक्ष सदन के बाहर से ही सरकार को घेरने में लगी रही. विपक्ष का कहना है कि सीएम ईडी के डर से भागने वाले हैं. विपक्षी विधायकों के हाथों में सीएम हेमंत सोरेन इस्तीफा दो और हेमंत सोरेन सरकार के चार सालों के कुकर्मों की सीबीआई जांच कराओ वाले पोस्टर थे.
इसके अलावा बीजेपी के विधायकों ने कांग्रेस का काला साम्राज्य, झारखंड को लूट खाने की झामुमो, कांग्रेस और राजद की बीमारी जैसे पोस्टर लहराए.
प्रश्नकाल में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठा
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विधायक प्रदीप यादव ने पूछा कि राज्य के 24 जिले में होमगार्ड की बहाली होनी थी. सरकार की ओर से बताया गया कि 16 जिले में बहाली लगभग पूरी कर ली गयी है. आठ जिले में अभी प्रारंभ भी नहीं किया है. इसके साथ ही उन्होंने जातिगत जनगणना की बात उठायी.
उन्होंने कहा कि पिछले सदन में सरकार ने कहा था कि वह जातिगत गणना कराना चाहती है पर पिछले पांच महीने में सरकार यह तय नहीं कर पायी कि हम जाति जनगणना कराएं तो किससे कराएं. ग्रामीण विकास विभाग हाथ खड़े कर रही है कि यह मेरा विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि सदन में सरकार जाति गणना कराने की बात कह कर इस विषय पर कुंडली मार कर बैठी हुई है.
बढ़ते हंगामे के बीच सभा स्थगित
कार्यवाही के दौरान ईडी और धीरज साहू के मुद्दे को लेकर विपक्ष सदन के भीतर हंगामा करती रही. विधायक वेल तक पहुंचे. इस दौरान स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही चलने देने को लेकर विपक्ष को बैठ जाने को कहा. बढ़ते हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सभा की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इसके बाद कार्यवाही दोबारा शुरू हुई. भाजपा विधायक इस बार भी आसन के समक्ष नारेबाजी करते रहे. स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने कहा, सदन का बेजा इस्तेमाल मत करिए, इसे हास्यास्पद मत बनाइए, आसन को उत्तेजित मत करिए.
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से अपने साथियों को आसन पर बिठाने को कहा. कुछ देर बाद 8111 करोड़ के दूसरे अनुपूरक बजट की पेशकश की गई और इसके साथ ही विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.