नई दिल्ली. United Nations Peacekeepers के खिलाफ हो रहे हमलों को लेकर भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी चिंता और प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से जताई है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में Group of Friends (GoF) की high-level meeting को संबोधित करते हुए कहा कि शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों की सजा से बचाव (impunity) अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
संयुक्त राष्ट्र में भारत का मुख्य संदेश: शांतिरक्षकों की सुरक्षा रणनीतिक है, वैकल्पिक नहींराजदूत पी. हरीश ने कहा कि United Nations Peacekeepers आज दुनिया के सबसे खतरनाक और अस्थिर क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। लेकिन अक्सर उन पर हुए हमलों के लिए दोषियों को सज़ा नहीं मिलती। ये lack of accountability अंतरराष्ट्रीय शांति प्रयासों को कमजोर करता है और हमलावरों को और अधिक साहसी बनाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “Accountability is a strategic necessity”, न सिर्फ कानूनी बल्कि नैतिक दृष्टिकोण से भी।
शांतिरक्षक हमले वैश्विक शांति अभियानों को कमजोर करते हैं
भारत ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि शांति सैनिकों को न्याय दिलाना सिर्फ किसी व्यक्ति के लिए न्याय की बात नहीं है, बल्कि यह पूरे UN Peace Operations की credibility और future effectiveness के लिए अनिवार्य है।
UN Mission in New York द्वारा जारी बयान में कहा गया:
Peacekeepers के खिलाफ अपराधों के लिए जवाबदेही तय करना, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की साझा जिम्मेदारी है। ये न केवल उनके मनोबल को मज़बूती देता है, बल्कि मिशन की operational capability को भी मजबूत करता है।”
Global Consensus: 40 देशों ने दिया समर्थन
इस high-level चर्चा में करीब 40 देशों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों और UN officials, क्षेत्रीय मिशनों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि Peacekeepers के खिलाफ बढ़ते खतरों का मुकाबला करने के लिए advanced strategies की ज़रूरत है। International cooperation को मज़बूत करना होगा। Peacekeepers की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए operational frameworks को और प्रभावी बनाना होगा।
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों पर हमला करना न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह वैश्विक शांति वास्तुकला को भी सीधा नुकसान पहुंचाता है। भारत ने दुनिया को याद दिलाया कि “शांतिरक्षकों के लिए न्याय ही शांति के लिए न्याय है।”