इस साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा को लेकर राजनीतिक हलचल तेज गई है. कल आये राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के नेताओं पर ये आरोप लगा है कि उनके वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला के कहने पर 11 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग किया. इस बात का भाजपा जश्न मना रही है. इस क्रॉस वोटिंग में कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा विधायक शक के घेरे में हैं, जिनमें वाघेला के पुत्र महेंद्र सिंह, राघव पटेल शामिल हैं.
वाघेला लम्बे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं क्योंकि आने वाले विधानसभा चुनाव में सीएम प्रत्याशी की दावेदारी को लेकर उन्होंने पार्टी से दो –दो हाथ करने का मन बना लिया था. ऐसे में यह भी कयास लगाये जा रहे है कि आज अपने जन्मदिन के दिन वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं या राजनीति से सन्यास ले सकते हैं. इन दोनों सूरतों में भाजपा को फायदा हो सकता है. इसके बदले में भाजपा वाघेला के बेटे को राज्यसभा भेज सकती है. अगस्त महीने में गुजरात से तीन राज्यसभा सीटें खाली हो रही है और इस मौके को भाजपा भुनाना चाहेगी. भाजपा की छवि पाटीदार आन्दोलन और ऊना दलित कांड से ख़राब हुई है और जनाधार भी कम हुआ है.
शंकर सिंह वाघेला 1990 के दशक में गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनका वहां खुद का बड़ा जनाधार है. उन्हें गुजरात में उनके समर्थक ‘बापू’ कहकर पुकारते हैं. ऐसे में अगर वह कांग्रेस छोड़कर जाते हैं तो यह पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका होगा.