शिमला. हिमाचल प्रदेश में मतदान संपन्न हुए महीना भर बीत चुका है. मतगणना 18 दिसंबर को होनी है. लगभग डेढ़ महीने का ये इंतज़ार राजनेताओं और आम लोगों के लिए बेहद उबाऊ साबित हो रहा है. एक तरफ जहां प्रदेश की जनता सुबह से रात तक कई बार अपने हिसाब से सरकारें बना और गिरा कर वक्त बिता रही है, वहीं नेता और प्रत्याशी हिमाचल ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश से बाहर, दूर एकांत की जगहों पर अपनी चुनावी थकान मिटा रहे हैं.
मुख्यमंत्री और पूर्वमुख्यमंत्री दोनो केरल में
मतगणना के बाद कहीं खुशी तो कहीं गम के माहौल में कोई सत्ता सुख में जश्न मनाएगा तो कोई हार के बाद कोपभवन में चला जाएगा. ऐसे में मतदान और मतगणना के बीच यह उपयुक्त समय है जिसे निश्चिंत होकर अपनों के साथ बिताया जा सकता है. राज्य की राजनीति के सबसे बड़े योद्धा और 7वीं पारी खेलने को तैयार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपनी पत्नी प्रतिभा सिंह के साथ केरल के कोट्टयम में छुट्टियां बिता रहे हैं. वह नवम्बर के आखिरी सप्ताह में ही सीधे दिल्ली से, सपत्नीक केरल यात्रा पर निकल गए थे.
सूत्रों के अनुसार वह केरल की गर्म जलवायु में हिमाचल की ठंडक से राहत पाने के साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सा भी ले रहे हैं ताकि नई ऊर्जा प्राप्त कर सकें. इस बार नयी सीट अर्की से मैदान में उतरे 84 वर्ष के वीरभद्र सिंह हिमाचल कांग्रेस के अकेले दिग्गज थे जिनके कंधों पर पूरी कांग्रेस का बोझ था. प्रचार को मिले थोड़े से दिनों में उन्होंने प्रदेश भर में करीब 100 जनसभाएं और रैलियां कर जनता को कांग्रेस के पक्ष में करने की पुरजोर कोशिश की. वहीं उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह भी दिल्ली से सीधा नैनीताल की यात्रा पर निकल गए थे और करीब एक सप्ताह तक वहां आराम करने के बाद अब दूसरे गंतव्य की ओर जाने वाले हैं. दूसरी तरफ भाजपा के दिग्गज मुख्यमंत्री प्रत्याशी और पूर्व सीएम प्रो प्रेम कुमार धूमल भी करीब एक सप्ताह से केरल में पत्नी संग चुनाव की थकान मिटा रहे हैं. धूमल भी इस बार अपने पारम्परिक विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर के बजाय सुजानपुर से मैदान में उतरे हैं. कड़े मुकाबले के बीच उन पर हिमाचल में अन्य सीटें जिताने का दारोमदार भी था. चुनावी बेला में खुद का स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद उन्होंने राज्यभर में जनसभाओं को संबोधित किया था.
उम्मीद की जा रही है कि दोनों दिग्गज छुट्टियाँ बिताकर, नयी ताजगी के साथ इसी सप्ताह वापस हिमाचल लौट आएंगे. लोगों की चर्चा का एक विषय यह भी है की दोनों मुख्य पार्टियों के मुख्यमंत्री प्रत्याशियों में भले ही कितना भी मतभेद हो, लेकिन छुट्टियाँ बिताने के लिए दोनों ने एक ही राज्य- केरल को चुना. वहीं एआईसीसी सचिव और कांग्रेस नेत्री आशा कुमारी देश के बजाय विदेश यात्रा पर निकल गयीं हैं. डलहौजी से चुनाव लड़ने वाली आशा कुमारी मौजूदा समय में कनाडा में हैं, जहाँ वह हाल ही में जन्मे अपने पौत्र के साथ फुर्सत से छुट्टियां बिता रही हैं.
प्रदेश के अन्य राजनेता और प्रत्याशी शिमला के माल रोड, धर्मशाला, कुल्लू, मनाली, डलहौजी, खज्जियार, चंडीगढ़, दिल्ली, गोआ, मुम्बई सहित देश के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों में अपना समय बिता रहे हैं. कुल मिलाकर चुनाव आयोग द्वारा दिया गया यह अतिरिक्त समय जनता के लिए चिंता भरा है तो नेताओं के लिए सुंदर सपनों के संसार मे विचरण करने का. सभी सत्ता सुख और कुर्सी के सपने ले रहे हैं. इंतजार सभी को है कि लोकतंत्र के इस उत्सव का फाइनल नतीजा आये और जश्न मनाएं, लेकिन समय को तो अपनी रफ्तार से ही चलना है.