शिमला. आपदा प्रबंधन बचाव कार्य के विश्वस्तरीय मापदंडों के आधार पर बहु संस्था समन्वय (मल्टी ऐजेंसी कोऑर्डिनेशन) की प्रक्रिया को अपनाकर आज शिमला में मेगा मॉकड्रिल आयोजित की गई. मॉकड्रिल मंडी और सुंदरनगर के बीच रिक्टर स्केल में 8 डिग्री की तीव्रता वाले भूकंप की परिकल्पना पर आधारित थी, जिसमें अन्य स्थानों सहित शिमला जिला को भी प्रभावित किया गया. शिमला में चार स्थानों को भूकंप से प्रभावित मानकर बचाव और राहत कार्य मॉकड्रिल की गई.
शिमला के उपायुक्त अमित कश्यप ने आज गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मॉकड्रिल में एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग शामिल रहा. वहीं लोक निर्माण, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, विद्युत, राजस्व, बीएसएनएल, नगर निगम, खाद्य एवं आपूर्ति, जिला प्रशासन और अन्य ऐजेंसियों के समन्वय से आपदा प्रबंधन के दौरान विभिन्न कार्यों को संचालित किया गया. किसी भी तरह की आपदा के दौरान उपजी विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए यह मॉकड्रील प्रशिक्षण का माध्यम बनी.
मॉकड्रिल उपायुक्त कार्यालय परिसर, आवासीय परिसर बालूगंज, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय पुस्तकालय, इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में की गई. जहां भूकंप के बाद भवनों के गिरने, दरारें आने, विद्युत, पानी की आपूर्ति में बाधा आने, सड़के बाधित होने, संचार नेटवर्क ध्वस्त होने से संबंधित विभिन्न परिस्थितियों के दौरान आपदा प्रबंधन का अभ्यास किया गया. दो स्थानों पर बालूगंज और राजकीय महाविद्यालय संजौली में राहत कार्य शिविरों के संचालन का अभ्यास किया गया.