नगर निगम शिमला के 34 वार्डों के लिए मतदान पूर्ण हो गया है. मतदान करीब 60 फीसदी रहा जबकि 2012 के चुनावों में मतदान प्रतिशत 65 फीसदी था. पिछले बार की अपेक्षा में जनता से इस बार के चुनावों में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई है. मत प्रतिशत कम होने का एक कारण बारिश को भी माना जा रहा है क्योंकि दोपहर से शुरू हुई बारिश के कारण मतदाता पाने घर से नहीं निकले.
निगम के 34 वार्डों के लिए कुल 126 प्रत्याशियों के भाग्य मत पेटियों में बंद हो गए. इस चुनाव में भाजपा, कांग्रेस और माकपा के कई दिग्गजों की साख दांव पर लगी है. अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए यह नगर निगम चुनाव के परिणाम महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं,क्योंकि इससे ही राजनीतिक दलों को पता चलेगा की कौन कितने पानी में है.
मतदान के दौरान आई कई समस्याएँ
बीते दशकों से मतदान करने वाले कई लोगों के नाम मतदाता सूचियों से गायब पाए गए है. कई मतदाता मतदान केंद्रों में पहुंचकर सूचियां खंगालते रहे लेकिन नाम नहीं मिला. ये लोग प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों को कोसते रहे जिनकी लापरवाही से वे लोकतंत्र के इस कुम्भ में अपनी आहुति नहीं डाल पाए. कैथू वार्ड के तीनों प्रत्याशियों सहित मतदाताओं ने भी ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. बटन कोई दबाया और वोट किसी और को मिला हैं. तीनों प्रतिनिधियों ने की चुनाव रद्द करवाने की मांग.
शहर के पौश इलाकों से मतदान के नहीं निकले लोग
इसके उलट सबसे पॉश बेनमोर वार्ड महज 47 फीसदी मतदान के साथ सबसे निचले स्थान पर है.इसके ऊपर संगटी वार्ड में 48 फीसदी वोटिंग हुई.यूँ भी जग जाहिर है जो सरकार चलते हैं वे कभी सरकार बनाने में भागीदार नही होते.