शिमला. सूचना प्रौद्योगिकी और नई तकनीक अब घर-घर में प्रवेश कर गई है. इसी के जरिए राजनीतिक दल भी घर-घर प्रवेश की जुगत में लगे हुए हैं. ई-माध्यमों की तेज रफ्तार राजनीतिक दलों को भी रास आ रही है. लिहाजा नेता और पार्टियां व्हाट्सएप और फेसबुक को अपने मुखपत्र की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.
हर दिन कार्यकर्ताओं और जनता से संवाद
पार्टियों के नेता व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए हर दिन कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं. इस संवाद में अगले दिन की रणनीति से लेकर विरोधियों का जवाब देने के तरीकों पर भी चर्चा हो रही है. जनता को पार्टी की गतिविधियों से जोड़ने के लिए कार्यकर्ताओं ने भी अपने ग्रुप बना रखे हैं. पार्टी के एजेंडा, कार्यक्रम और भाषणों को यहीं से जनता तक पहुंचाया जा रहा है.
बड़े नेताओं की गतिविधियों की तत्काल जानकारी के लिए कार्यकर्ताओं ने उन्हें ट्विटर पर फॉलो कर रखा है तो अधिक लोगों के जुड़े होने के कारण फेसबुक इस काम में सबसे मददगार साबित हो रहा है.
भाजपा आईटी सेल ने झोंकी ताकत
भाजपा के आईटी सेल ने सोशल मीडिया पर चल रही इस लड़ाई में बढ़त बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है. भाजपा सोलन मंडल सचिव और आईटी सेल के सदस्य कमल वर्मा बताते हैं कि सांगठनिक बातचीत करने लिये विभिन्न स्तरों पर व्हाट्सएप समूह बने हुये हैं. इनसे कार्यकर्ताओं में जोश भरा जा रहा है. इनमें सबसे प्रमुख ‘बीजेपी 4 हिमाचल’ है जहां भाजपा के वरिष्ठ नेता जुड़े हुए हैं. इसी के साथ ही हिमाचल के चारों संसदीय क्षेत्र के स्तर पर भी आईटी सेल का ग्रुप है. वहीं, संसदीय क्षेत्र में ‘पार्लियामेंट्री’ के नाम से भी ग्रुप चल रहे हैं. इस ग्रुप में भाजपा के सांसद,अध्यक्ष, महामंत्री प्रमुख रूप से शामिल हैं. इसी तर्ज पर मंडल से लेकर पंचायत स्तर पर ग्रुप्स बने हुए हैं.
अपना मोबाइल फोन दिखाते हुए कमल कहते हैं कि फिलहाल वे ‘बीजेपी 4 हिमाचल’, ‘शिमला पार्लियामेंट्री’, ‘बीजेपी 4 सोलन’, ’ग्राम-पंचायत शेरी’ ‘भाजपा सोलन मंडल’ के साथ-साथ जनता को भाजपा के एजेंडे से अवगत कराने के लिये बने ‘सोलन राजनीतिक मंच’ जैसे व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़े हुए हैं.
हैशटैग ट्रेंड कराने में भी ग्रुप मददगार
इसी तर्ज पर फेसबुक ग्रुप बने हुये हैं. साथ ही ट्वीटर पर हैशटैग ट्रेंड करवाने में भी व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल होता है. राज्य या केन्द्र स्तर पर हैशटैग तय होने के बाद सभी व्हाट्सएप ग्रुप में हैशटैग और समय को बता दिया जाता है और कार्यकर्ताओं को निश्चित समय पर हैशटैग के साथ ट्वीट करने को कहा जाता है. भाजपा के प्रदेश कार्यालय में 14 लोगों की आईटी टीम सोशल मीडिया स्ट्रेटजी बनाती है और कंटेट तैयार करती है.
बाकी दल भी पीछे नहीं
सोशल मीडिया के इस्तेमाल में बाकी दल भी पीछे नहीं हैं. कांग्रेस ने इस काम के लिए क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के अलावा एनएसयूआई और अन्य युवा संगठनों की मदद ली है तो सीपीआई के उम्मीदवार भी अपने तरीकों से सोशल मीडिया वार में शामिल हो रहे हैं.