[vc_row][vc_column][vc_column_text][addtoany][/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row css=”.vc_custom_1508915773814{background-color: #fffcb5 !important;}”][vc_column][vc_custom_heading text=”सोलन” font_container=”tag:h2|text_align:center” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]पृष्ठभूमि :-
सोलन विधानसभा, सोलन जिले के अंतर्गत शिमला लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा है. यह निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सीट संख्या 53 है. ऊना जिला में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनूसूचित जाति के लिये आरक्षित है. पहले यह सीट ओपन थी. डिलिमिटेशन के बाद यह रिजर्व हो गई. 2012 में इस क्षेत्र में कुल 70764 मतदाता थे.जिनकी संख्या बढकर 81,019 हो गयी है.
2012 के विधानसभा चुनाव में शनिराम शाण्डिल इस क्षेत्र के विधायक चुने गए.
सोलन जिला हिमाचल के जिलों के पुनर्गठन के समय 1 सितंबर 1972 को अस्तित्व में आया. सोलन नाम माता शूलिनी के नाम पर पड़ा. ऐसा कहा जाता है कि वह इस ईलाके को नष्ट होने से बचाती हैं. प्रदेश का ‘प्रवेशद्वार’ कहा जाने वाला सोलन जिला, पंजाब और हरियाणा की सरहद पर पड़ता है. इस जिले के मुख्य स्थल- चेल, बरोग, कैरीघाट, कसौली, अर्की, सुबाथू, परवानू आदि हैं. यह ईलाका पूरे देश में ‘मशरूम सिटी’ के नाम से जाना जाता है. केंद्र सरकार ने यहाँ मशरूम अनुसन्धान डायरेक्टरेट की स्थापना भी की है. मशरूम के अलांवा यह जिला टमाटर की पैदावार के लिए प्रसिद्द है. यहाँ पैदा होने वाला टमाटर‘लाल सोना’ के नाम से प्रसिद्द है. इसे हिमाचल की औद्योगिक राजधानी भी कहा जा सकता है, क्योंकि हिमाचल के कुल उद्योगों का लगभग तीन चौथाई सोलन जिले में ही है.
सोलन विधानसभा, सोलन जिले के अंतर्गत शिमला लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा है. यह निर्वाचन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सीट संख्या 53 है. ऊना जिला में स्थित यह निर्वाचन क्षेत्र अनूसूचित जाति के लिये आरक्षित है. पहले यह सीट ओपन थी. डिलिमिटेशन के बाद यह रिजर्व हो गई. 2012 में इस क्षेत्र में कुल 70764 मतदाता थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में शनिराम शाण्डिल इस क्षेत्र के विधायक चुने गए.
सोलन जिला हिमाचल के जिलों के पुनर्गठन के समय 1 सितंबर 1972 को अस्तित्व में आया. सोलन नाम माता शूलिनी के नाम पर पड़ा. ऐसा कहा जाता है कि वह इस ईलाके को नष्ट होने से बचाती हैं. प्रदेश का ‘प्रवेशद्वार’ कहा जाने वाला सोलन जिला, पंजाब और हरियाणा की सरहद पर पड़ता है. इस जिले के मुख्य स्थल- चेल, बरोग, कैरीघाट, कसौली, अर्की, सुबाथू, परवानू आदि हैं. यह ईलाका पूरे देश में ‘मशरूम सिटी’ के नाम से जाना जाता है. केंद्र सरकार ने यहाँ मशरूम अनुसन्धान डायरेक्टरेट की स्थापना भी की है. मशरूम के अलांवा यह जिला टमाटर की पैदावार के लिए प्रसिद्द है. यहाँ पैदा होने वाला टमाटर‘लाल सोना’ के नाम से प्रसिद्द है. इसे हिमाचल की औद्योगिक राजधानी भी कहा जा सकता है, क्योंकि हिमाचल के कुल उद्योगों का लगभग तीन चौथाई सोलन जिले में ही है.
कसुम्पटी 1,883 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह केलती महल और इसके सेब के बगीचों के लिए जाना जाता है. यह हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ी सेब की उभरती हुये घाटियों में से एक है और राज्य की प्रति व्यक्ति आय में इन चाय बागानों का महत्वपूर्ण योगदान है.[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column width=”1/3″][vc_custom_heading text=”विधानसभा : संक्षिप्त जानकारी” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]
विधानसभा सं. | 53 |
---|---|
सीट की प्रकृति | आरक्षित (अनूसूचित जाति) |
प्रमुख बोलियां | सोलन की सरकारी भाषा हिंदी है किन्तु यहाँ के स्थानीय लोग संचार के लिए पहाड़ी और पंजाबी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. |
[/vc_column_text][/vc_column][vc_column width=”7/12″][vc_custom_heading text=”पिछले चुनावों में विधानसभा की स्थिति” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_row_inner][vc_column_inner][vc_column_text]
विधानसभा | चुनाव/साल | 2009 आम चुनाव | 2012 विधानसभा | 2014 आम चुनाव | |||
सोलन (SC) | पार्टी | भाजपा | कांग्रेस | भाजपा | कांग्रेस | भाजपा | कांग्रेस |
वोट प्रतिशत | 50.90% | 47.30% | 50.00% | 40.80% | 50.90% | 47.30% |
[/vc_column_text][/vc_column_inner][/vc_row_inner][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_custom_heading text=”2012 विधानसभा चुनाव: ” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]
उम्मीदवार | पार्टी | कुल मत |
धनीराम शाण्डिल | कांग्रेस | 24250 |
कुमारी शीला | बीजेपी | 19778 |
ओम प्रकाश कान्त | एच.एल.पी. | 2044 |
हीरा नन्द कश्यप | निर्दलीय | 1257 |
[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”सोलन से चुने गए विधायक : ” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]
विधायक | पार्टी | वर्ष |
धनीराम शांडिल्य | कांग्रेस | 2012 |
डॉ राजीव बिंदल | भाजपा | 2007 |
डॉ राजीव बिंदल | भाजपा | 2003 |
कृष्णा मोहिनी | कांग्रेस | 1998 |
कृष्णा मोहिनी | कांग्रेस | 1993 |
महेंद्र नाथ सोफत | भाजपा | 1990 |
ज्ञान चंद तोतु | कांग्रेस | 1985 |
रामा नन्द | भाजपा | 1982 |
गौरी शंकर | जनता पार्टी | 1977 |
[/vc_column_text][vc_custom_heading text=”मतदाताओं की संख्या” font_container=”tag:h3|text_align:left” use_theme_fonts=”yes”][vc_column_text]
विधानसभा (2017) | आम निर्वाचक | अप्रवासी भारतीय निर्वाचक | |||||||
स.न. | नाम | पुरुष | महिला | अन्य | कुल | पुरुष | महिला | समस्त योग (6+7+8) | |
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | |
1 | सोलन | 42244 | 38770 | 5 | 81019 | 1 | 1 | 81019 |
[/vc_column_text][vc_column_text]
विधानसभा (2012) | आम चुनाव | अप्रवासी भारतीय | सर्विस एलेक्टोर्स | ||||||||||
स.न. | नाम | पुरुष | महिला | अन्य | कुल | पु. | म. | अन्य | कुल | पु. | म. | कुल | समस्त |
योग (6+10+13) | |||||||||||||
1 | सोलन | 36937 | 33454 | 0 | 70391 | 0 | 0 | 0 | 0 | 271 | 102 | 373 | 70764 |
[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column width=”1/2″][vc_column_text]
वर्तमान विधायक धनीराम शांडिल्य प्रदेश स्तर के कांग्रेस नेताओं में कद्दावर दलित नेता की हैसियत रखते हैं. वह शिमला संसदीय सीट से हिमाचल विकास कांग्रेस से लोकसभा सांसद रहे. राजनीति में आने से पहले वह भारतीय से में अपनी सेवा दे रहे थे. भाजपा की कुमारी शीला यहाँ से दूसरी नेता हैं जो पिछली बार यहाँ से शांडिल्य से चुनाव हार गयीं थीं. इस बार भाजपा ने राजेश कश्यप को यहाँ से उम्मीदवार बनाया है.
उम्मीदवार 2017
विधानसभा में सम्भावित प्रत्याशी / उम्मीदवार | |||
भाजपा | कांग्रेस | अन्य | |
1. | राजेश कश्यप | धनीराम शांडिल्य | अजय भट्टी (माकपा) |
2. | रंगी राम | ||
3. | शशिकांत |
[/vc_column_text][vc_column_text]
वर्तमान स्थिति :
चूँकि यह सीट आरक्षित है और यहाँ से वर्तमान विधायक शांडिल्य एक पुराने नेता हैं जिन्हें राजनितिक अनुभव ज्यादा है और इलाके में एक पहचान भी है. यह उनका सबसे मजबूत पक्ष है लेकिन इन पांच सालों में उनसे विकास की जीतनी उम्मीद थी वह पूरी नहीं हुईं हैं इस कारण उन्हें इस चुनाव में मुश्किल होने जा रही है. कुमारी शीला हमेशा यहाँ सक्रीय तो रहीं हैं लेकिन पिछले चुनाव में साढ़े चार हज़ार मतों से उनके हारने अंतर बड़ा कहा जा सकता है इस वजह से भाजपा ने इस बार यहाँ से राजेश कश्यप पर दाव लगाया है.[/vc_column_text][vc_single_image image=”23084″ img_size=”full”][vc_column_text]बूथों की संख्या : 122[/vc_column_text][/vc_column][vc_column width=”1/2″ css=”.vc_custom_1508918344567{padding-top: 20px !important;padding-left: 20px !important;background-color: #ffe8c6 !important;}”][vc_round_chart type=”doughnut” stroke_width=”0″ values=”%5B%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AA%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%B7%22%2C%22value%22%3A%2237208%22%2C%22color%22%3A%22blue%22%7D%2C%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%22%2C%22value%22%3A%2233556%22%2C%22color%22%3A%22pink%22%7D%5D” title=”पिछली विधानसभा में महिला पुरुष के मतों का %”][vc_round_chart type=”doughnut” stroke_width=”0″ values=”%5B%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B8%20%22%2C%22value%22%3A%2240.80%25%22%2C%22color%22%3A%22blue%22%7D%2C%7B%22title%22%3A%22%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%AA%E0%A4%BE%20%22%2C%22value%22%3A%2250.00%25%22%2C%22color%22%3A%22pink%22%7D%5D” title=”पिछली विधानसभा में पार्टियों की स्थिति “][/vc_column][/vc_row][vc_row][vc_column][vc_column_text]
प्रमुख मुद्दे
- परवानू और BBN के इलाक़े में आधारभूत ढाँचों में सड़क और बिजली की हालत बहुत अच्छी नहीं है. इसमें नए निवेश की ज़रूरत है.
- बिजली की समस्या अब उद्योगों को परेशान करने लगी है और पिछले दिनों में 24×7 बिजली सप्लाई की दरकार बढ़ रही है. बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करना औद्योगिक विकास हेतु महत्वपूर्ण जरुरत है.
- रोड बनाने और ठीक करने का काम अक्सर बरसातों के पहले गरमी में दिया जाता है और बारिश में शुरू होने पर, अक्सर ठीक नहीं हो पाता है.
- सोलन के ज़िला अस्पताल में 200 बिस्तरों की क्षमता है और यहाँ डाक्टरों के 22 पद स्वीकृत हैं
- मात्र 200 बेड और 22 डाक्टर इतने बड़े जिले के लिए कम हैं. इस पर यहाँ शिमला और सिरमौर जिलों के लोग भी इलाज के लिए आते हैं.
- उस सब पर भी, कई डाक्टर छुट्टी पर होते हैं, कई वी.आईं .पी. ड्यूटी में रहते हैं. माँग उठाने के बाद जो डाक्टर आते भी हैं वह तनख़्वाह कम होने की वजह से जल्दी छोड़कर चले जाते हैं.
- इतनी समस्या होने के बावजूद नाहन में खुले नए मेडिकल कॉलेज के लिए डॉक्टर्स को यहाँ से वहां भेज दिया गया। इससे पहले से कम डाक्टर और भी कम हो गए.
- अस्पताल की क्षमता और डाक्टरों की संख्या बढ़ाने की बेहद आवश्यकता है. साथ ही नयी स्वास्थ्य सुविधाएँ बढ़ाने की भी ज़रूरत है.
- हिमाचल के हर शहर और कस्बे की तरह सोलन में भी वाहनों की संख्या ज्यादा है जिससेट्रैफ़िक की समस्या बनी हुई है.
- सोलन में बस स्टैंड के पास एक मल्टी-लेवल पार्किंग की योजना स्वीकृत हुई थी पर अभी तक उस पर काम शुरू नहीं हुआ है. यह एक बड़ी ज़रूरत बनी हुई है और इस पर यदि काम किया जाये, तो बड़ी बात होगी.
- पीने और कृषि के लिए पानी की उपलब्धता का संकट एक बाद मुद्दा है.
- बरसात में नदियों में गाद (सिल्ट) आ जा रही जिससे मशीनों को पानी उठाने में दिक्कतें आ रही हैं। गाद की सफ़ाई (डिसिल्टिंग) ठीक से नहीं हो पा रही है.
- पिछले 10-15 वर्षों में जनसंख्या का दबाव तो बढ़ता जा रहा है, परंतु इन योजनाओं की क्षमता नहीं बढ़ी हैं.
- सब्ज़ियों के उचित मूल्य और उनके भंडारण की व्यवस्था होने से आम कृषकों को फ़ायदा मिलेगा.
- मसरूम की फसल के सही मूल्य के लिए सरकारी ख़रीद और भंडारण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे वेयर हाउस की ज़रूरत है.
- श्री नरेंद्र मोदी जब प्रधानमंत्री बनने के लिए 2014 में चुनाव लड़ रहे थे, तो उन्होंने सोलन की एक सभा में कहा था की आप मुझे 5 कमल दो, मैं टमाटर का समर्थन मूल्य दिलाऊँगा। अभी तक तो उन्हें याद आया नहीं है.
- सोलन जिले की लगभग 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है, जो खेत और बाग़ानों से जीवन-यापन करती है
- बन्दरों द्वारा फ़सलों और फलों को नुक़सान पहुँचाने के अलांवा इनकी की वजह से कई हादसे भी हुए हैं जिनमें कई लोगों की जान गयी है
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