नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने आवारा कुत्तों (Stray Dogs) के टीकाकरण के बाद उन्हें उनके मूल स्थानों पर छोड़ने की अनुमति दे दी है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एनवी अंजारिया की three-judge bench ने स्पष्ट किया कि आक्रामक या रेबीज़ संक्रमित कुत्तों (Rabies-Infected Dogs) को पहले टीका लगाया जाना चाहिए और उन्हें छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
पहले, अदालत ने दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) की सड़कों से सभी stray dogs को हटाने का आदेश दिया था। इसका उद्देश्य क्षेत्र को आवारा कुत्तों से मुक्त करना था। हालांकि, पशु अधिकार कार्यकर्ताओं (Animal Rights Activists) और समाज में लोकप्रिय हस्तियों के विरोध के बाद अदालत ने आदेश की समीक्षा करने का निर्णय लिया।
पहले का आदेश और आंकड़े
11 अगस्त को न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कुत्तों के काटने की घटनाओं, रेबीज़ के मामलों और इससे संबंधित मौतों में वृद्धि का हवाला देते हुए अधिकारियों को आठ हफ्तों में सभी आवारा कुत्तों को shelters में स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2024 में कम से कम 37 लाख कुत्तों के काटने की घटनाएं और 54 संदिग्ध रेबीज़ से मौतें दर्ज की गईं।
सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश
अब यह निर्देश पूरे भारत में लागू होगा। पिछला आदेश यथावत है, लेकिन व्यापक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए संशोधन किया गया है। आक्रामक और रेबीज़ वाले कुत्तों को छोड़ने की अनुमति नहीं। अन्य कुत्तों को टीकाकरण के बाद उनके मूल स्थानों पर छोड़ा जा सकता है।
Public Feeding Ban और विशेष भोजन क्षेत्र
नगरपालिका वार्डों में stray dogs के लिए special feeding zones बनाए जाएंगे। सार्वजनिक सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध। किसी भी उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई।NGO और dog lovers को कुत्ता आश्रयों के लिए क्रमशः 2,00,000 रुपये और 25,000 रुपये जमा करने होंगे।
मामले की सुनवाई और भविष्य की योजना
इस आदेश पर सुनवाई आठ सप्ताह बाद होगी। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार बनाया गया। विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित आवारा कुत्तों से संबंधित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दी गई हैं। यह आदेश Stray Dog Management, Rabies Prevention और Public Safety के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है और पूरे देश में आवारा कुत्तों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम है।