नई दिल्ली. India-China Border Dispute को लेकर की गई टिप्पणी पर Congress leader Rahul Gandhi को सोमवार को Supreme Court of India से फटकार झेलनी पड़ी। राहुल गांधी ने दावा किया था कि China ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर ज़मीन पर कब्जा कर लिया है, जिसे अदालत ने गंभीरता से लिया।
Supreme Court Remarks में कहा गया कि जब सीमा पर तनाव हो, उस वक्त इस तरह के बयान क्या देशहित में हैं? आपके पास इसकी क्या विश्वसनीय जानकारी है? अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बातें नहीं कहेंगे। जब संसद मौजूद है, तो वहीं सवाल क्यों नहीं पूछे?” हालांकि अदालत ने Rahul Gandhi Defamation Case में फिलहाल राहत देते हुए उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
मानहानि की शिकायत किसने की?
यह मामला BRO (Border Roads Organisation) के पूर्व महानिदेशक Uday Shankar Srivastava द्वारा दायर किया गया था। शिकायत में कहा गया कि Bharat Jodo Yatra के दौरान 16 दिसंबर 2022 को राहुल गांधी ने भारतीय सेना को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था।
उनका आरोप था कि राहुल गांधी ने कहा किChinese Army ने अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सैनिकों की पिटाई की, और national media ने इस पर चुप्पी साध रखी है। लखनऊ की निचली अदालत ने इसे prima facie सेना के मनोबल को गिराने वाला बताया था।
क्या हुआ था Galwan Valley में?
Galwan Clash 2020 में Indian Army और Chinese Troops के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। मामला तब शुरू हुआ जब चीन ने भारत द्वारा बनाई जा रही सड़कों और infrastructure projects पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद Pangong Lake, Eastern Ladakh, और LAC के अन्य हिस्सों में भी तनाव बढ़ा।
कोर्ट में राहुल गांधी को मिली आंशिक राहत
राहुल गांधी ने इस आदेश को Allahabad High Court में चुनौती दी थी, जिसके बाद मामला Supreme Court तक पहुंचा। शीर्ष अदालत ने कहा कि Freedom of Speech और National Security के बीच संतुलन ज़रूरी है, लेकिन फिलहाल Criminal Defamation Proceedings पर stay दे दिया गया है।
क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ?
कई Constitutional Experts का मानना है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो नेताओं को responsible statements देने चाहिएं। साथ ही, Supreme Court द्वारा राहुल गांधी से संसद में सवाल पूछने की सलाह यह संकेत देती है कि राजनीति में Parliamentary Conduct और National Integrity को प्राथमिकता दी जाए।