नई दिल्ली. गूगल फॉर इंडिया का 8वां एडिशन सोमवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में हुआ. इवेंट में गूगल ने अपने फाइल्स ऐप के जरिए डिजिलॉकर और गूगल पे का नया ‘ट्रांजैक्शन सर्च’ फीचर जैसी कई घोषणाएं की है. कंपनी के CEO सुंदर पिचाई इस इवेंट में शामिल होने के लिए भारत आए.
सुंदर पिचाई ने कहा, हमने UPI स्टैक के आधार पर भारत में गूगल-पे बनाया है और अब हम इसे दुनिया भर के अन्य देशों में ला रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि हम एक शक्तिशाली एआई मॉडल पर काम कर रहे हैं जो हजारों भाषाओं में जानकारी ला सकता है.
इवेंट में गूगल के 7 बड़े ऐलान
1. अब गूगल फाइल्स पर भी डिजिलॉकर
गूगल ने इवेंट में एंड्रॉइड फोन यूजर्स के लिए नई सुविधा का ऐलान किया है. इसके तहत यूजर गूगल फाइल्स ऐप के जरिए भी डिजिलॉकर यूज कर सकेंगे. डिजिलॉकर एक तरह का वर्चुअल लॉकर है. इसमें सभी जरूरी दस्तावेजों को पेपरलेस फॉर्मेट में डिजिटल तरीके से स्टोर करके रख सकते हैं. डिजिलॉकर में सेव किए गए सभी डॉक्यूमेंट्स पूरी तरह से मान्य हैं.
2. गूगल-पे का नया ट्रांजैक्शन सर्च फीचर
गूगल-पे ने नया ‘ट्रांजैक्शन सर्च’ फीचर लॉन्च किया है. इस फीचर की मदद से वॉइस के जरिए यूजर अपने ट्रांजैक्शन के बारे में जान पाएगा. संदिग्ध ट्रांजैक्शन के लिए गूगल पे अब ज्यादा सिक्योरिटी अलर्ट और चेतावनियां दिखाएगा. यह ML एल्गोरिदम का उपयोग करता है. ये चेतावनी रीजनल लैंगवेज में भी होगी.
3. वीडियो के अंदर भी सर्च फैसिलिटी
गूगल किसी भी वीडियो के अंदर सर्च फैसिलिटी का परीक्षण कर रहा है. आपको बस ‘सर्च इन वीडियो फीचर’ के जरिए अपनी क्वेरी टाइप करना होगा और वीडियो में ठीक उस जगह पर जा पाएंगे जिसे आप ढूंढ रहे हैं. वीडियो में किसी भी चीज को सर्च करने के लिए पहले केवल सीक का ऑप्शन था. ‘सर्च इन वीडियो फीचर’ सर्च का आसान बनाएगा.
4. यूट्यूब की नई सुविधा ‘कोर्सेस’
यूट्यूब 2023 से ‘कोर्सेस’ नाम की एक फैसिलिटी शुरू करेगा, जिससे लर्निंग और ज्यादा इंटरैक्टिव होगी. व्यूअर्स को स्ट्रक्चर्ड लर्निंग एक्सपीरियंस प्रदान करने के लिए क्रिएटर्स फ्री और पेड कोर्सेस पेश कर सकेंगे. जो व्यूअर्स कोर्सेस खरीदना चुनेंगे, वे वीडियो को ऐड-फ्री देख पाएंगे.
5. फ्री में कंटेंट डब कर सकेंगे क्रिएटर
अलाउड एक नया एआई, एमएल प्रोडक्ट है, जो ओरिजिनल कंटेंट को बिना किसी एडिशनल कॉस्ट के डब कर सकता है. इसे चुनिंदा हेल्थ बेस्ड क्रिएटर्स और पार्टनर्स के लिए रोल आउट किया जा रहा है. दर्शक इन वीडियो को एक अलग ऑडियो ट्रैक में टॉगल कर सकेंगे.
6. इंडिया फर्स्ट इनोवेशन एंड फीचर
हिंदी के बाद अब सर्च रिजल्ट पेजेस फीचर भारत बाइलिंगुअल भी हो जाएगा. यह फीचर आने वाले दिनों में तमिल, तेलुगु, मराठी और बंगाली भाषाओं को भी सपोर्ट करेगा. वॉइस सर्च फीचर अब उन लोगों को भी बेहतर ढंग से समझ पाएगा, जो हिंग्लिश बोलते हैं. एक नए न्यूरल नेटवर्क मॉडल का यूज किया जाएगा, जो पर्सन के एक्सेंट, कॉन्टेक्स्ट आदि को ध्यान में रखेगा.
7. डॉक्टर की हैंडराइटिंग पढ़ेगा गूगल
गूगल ने डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग को डिकोड करने वाली नई टेक्नोलॉजी का ऐलान किया है. ये टेक्नोलॉजी हैंडराइटिंग को स्कैन करके यूजर को बताएगी कि आखिर डॉक्टर ने उनकी पर्ची में क्या लिखा है. इस फीचर का इस्तेमाल करने के लिए यूजर को डॉक्टर की पर्ची की तस्वीर लेनी होगी या फिर गैलेरी में पड़ी पर्ची की तस्वीर गूगल लेंस पर अपलोड करनी होगी.
इवेंट से जुड़ी कुछ मुख्य बातें
YouTube India ने 7, 50,000 से ज्यादा फुल-टाइम जॉब क्रिएट करके GDP में 10,000 करोड़ का योगदान दिया. YouTube के पास 2 बिलियन यूजर्स हैं और सिर्फ हेल्थ रिलेटेड वीडियो को 30 बिलियन से अधिक बार देखा गया है.
गूगल के इंडिया हेड संजय गुप्ता ने कहा AI बड़े पैमाने पर ट्रांसलेशन में मदद कर सकता है. यह कृषि में मदद कर सकता है और बाढ़ की भविष्यवाणी में मदद कर सकता है. भारत के लिए, AI एनर्जी और फूड सिक्योरिटी में बड़े पैमाने पर मदद कर सकता है. गूगल की इंडियन इस्टिट्यूट ऑफ साइंस के साथ पार्टनरशिप में AI/ML मॉडल बनाने की योजना है. प्रोजेक्ट वाणी के जरिए भारत के 773 जिलों से भाषा के सैंपल एकत्र किए जा रहे है. प्रोजेक्ट वाणी यह सुनिश्चित करेगा कि इसके तहत एकत्र और तैयार किया गया डेटा ओपन-सोर्स होगा.
गूगल भारत में कृषि के लिए रिमोट सेंसिंग क्षमताओं का उपयोग कर रहा है. उन्होंने एक लैंडस्केप अंडरस्टैंडिंग मॉडल भी विकसित किया है, जिसे बेंगलुरु में विकसित किया गया है. इसका परीक्षण तेलंगाना में किया जा रहा है. यह खेतों, और प्राकृतिक और मानव निर्मित वाटर बॉडीज की पहचान कर सकता है.
गूगल वर्तमान में भारत में 1 लाख माताओं की सहायता के लिए AI का उपयोग कर रहा है. गूगल हाथों से लिखे प्रिस्क्रिप्शन को समझने के लिए भी AI का उपयोग कर रहा है जो भारत में एक चुनौती हो सकती है. कंपनी अभी भी इस समाधान पर काम कर रही है. गूगल ने भारत के पहले रिस्पॉन्सिबल AI सेंटर के लिए IIT मद्रास को 1 मिलियन डॉलर के अनुदान की घोषणा की है.
पिचाई 5 साल बाद भारत दौरे पर
सुंदर पिचाई 5 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत दौरे पर आए हैं. रिपोर्टों के अनुसार पिचाई के इस दौरे का मकसद नए प्रोडक्ट के अनाउंसमेंट के साथ भारत सरकार के साथ गूगल के संबंधों को मजबूत करना भी है. हाल ही में गूगल पर भारत में कॉम्पिटिशन कमीशन ने डॉमिनेंट पोजीशन के दुरुपयोग के मामले में 2,274 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था. इसे लेकर भी चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है.
पिचाई के भारत दौरे के बारे में संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ‘हम कई मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उनसे मिलेंगे. हम भारत में गूगल फोन के निर्माण, ऐप डेवलपर ईको सिस्टम विकसित करने, साइबर सुरक्षा, और भारतीय भाषाओं के उपयोग पर चर्चा करेंगे.’ पिचाई की भारत यात्रा से पहले गूगल पब्लिक पॉलिसी के वाइस प्रेसिडेंट विल्सन व्हाइट और पॉलिसी ग्लोबल हेड करण भाटिया समेत कुछ टॉप अधिकारी भारत आए थे.
चीन से मैन्युफैक्चरिंग शिफ्ट करना चाहता है गूगल
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल चीन में फॉक्सकॉन में हो रहे पिक्सल 7 फोन की आधी मैन्युफैक्चरिंग को वियतनाम शिफ्ट करना चाहता है। हालांकि, उसकी भारत के साथ भी बातचीत हुई है। अगर बातचीत सफल होती है तो एपल और सैमसंग के बाद बड़ी कंपनियों में गूगल भारत को एक्सपोर्ट सेंट्रिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में इस्तेमाल करने वाला तीसरा मोबाइल डिवाइस मेकर होगा।
अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहा पिक्सल
अलग-अलग कंपनी के एंड्रॉयड फोन को हिट कराने वाली गूगल अपने ही पिक्सल फोन को रेस में बनाकर नहीं रख पाई है। कहने को हर साल नए पिक्सल फोन लॉन्च होते हैं। ये पुराने मॉडल से एडवांस होते हैं। सबसे लेटेस्ट ओएस से लैस भी होते हैं। लेकिन अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहते हैं।
पिक्सल फोन के नाकाम होने की आखिर वजह क्या है?
एकदम सीधे शब्दों में कहा जाए तो पिक्सल फोन की नाकामी की बड़ी वजह इसका हार्डवेयर और कीमत हैं। पिक्सल फोन जब भी लॉन्च होता है तब उसके हार्डवेयर में कुछ भी ऐसा नया नहीं मिलता, जो इस फोन को खरीदने का कारण बने। दूसरे फोन की तुलना में इसके डिस्प्ले का साइज, कैमरा क्वालिटी या बैटरी काफी कमजोर होती हैं। लेकिन कीमत के मामले में ये अच्छे-अच्छे प्रीमियम स्मार्टफोन को टक्कर देता है।
पहला पिक्सल फोन ही उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा
गूगल ने अपना फर्स्ट जनरेशन पिक्सल स्मार्टफोन 4 अक्टूबर, 2016 को लॉन्च किया था। कंपनी ने मेड बाय गूगल इवेंट में पिक्सल और पिक्सल XL लॉन्च किए थे. देखने में ये स्मार्टफोन सिंपल डिजाइन वाले थे। इनका सबसे बेस्ट पार्ट ये था कि इनमें गूगल ने अपना उस वक्त का सबसे लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉयड 7.1 नॉगट दिया था। वहीं, इसे एंड्रॉयड 10 तक अपडेट कर सकते थे। ये फास्ट चार्जिंग को भी सपोर्ट करते थे।
2016 में जब गूगल ने पिक्सल फोन लॉन्च किए तब मार्केट में डुअल रियर कैमरा, 6000mAh बैटरी और बड़े डिस्प्ले वाले फोन मिल रहे थे। गूगल पिक्सल XL की कीमत 33,299 रुपए थी। यानी इसे सिर्फ एलीट वर्ग वाले यूजर्स ही खरीद सकते थे। इसके बाद लॉन्च होने वाले पिक्सल 2 और 2 XL, पिक्सल 3 और 3 XL, पिक्सल 3a और 3a XL, पिक्सल 4 और 4 XL, पिक्सल 4a और 4a XL, पिक्सल 5 और पिक्सल 5a की कीमत भी मार्केट में मौजूद दूसरे स्मार्टफोन की तुलना में ज्यादा रही।
चीनी स्मार्टफोन सबसे बड़ी चुनौती
गूगल पिक्सल स्मार्टफोन के सामने सबसे बड़ी चुनौती चीनी स्मार्टफोन कंपनियां रही हैं. खासकर शाओमी, ओप्पो, वीवो और रियलमी जैसी कंपनियां लगातार सस्ते स्मार्टफोन लॉन्च कर रही हैं. गूगल साल में एक बार पिक्सल फोन लॉन्च करती है. इस बीच दूसरी कंपनियां सस्ते स्मार्टफोन में बेहतर स्पेसिफिकेशंस देकर यूजर के सामने ऑप्शन की लंबी लिस्ट तैयार कर देती हैं. इस वजह के चलते टॉप-5 स्मार्टफोन बेचने वाली कंपनियों में 3 से 4 कंपनियां चीनी होती हैं.