नई दिल्ली. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने अकेले ही खुद को बिहार महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। यह ऐलान आरा में एक रैली के दौरान किया गया, जबकि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ भी इसी समय समाप्त हुई। इस घोषणा के दौरान समाजवादी पार्टी (SP) प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद थे, जिसने गठबंधन के नेतृत्व समीकरण को और जटिल बना दिया। राहुल गांधी, जिन्होंने अब तक CM फेस के मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की थी, मंच पर मौजूद रहे, लेकिन तेजस्वी ने नेतृत्व का पूरा नियंत्रण संभाल लिया।
तेजस्वी का नीतीश कुमार पर हमला
रैली में तेजस्वी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया और उन्हें “कॉपीकैट CM” करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार सिर्फ नीतियों की नकल कर रही है, जबकि वह साहसिक कदम उठा रहे हैं। “तेजस्वी आगे बढ़ रहा है, सरकार पीछे चल रही है,” उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा। इस दौरान भीड़ ने जोश और उत्साह के साथ उनकी बातों का समर्थन किया।
‘मूल बनाम नकल’ का बहस
तेजस्वी ने जनता से पूछा कि क्या वे “मूल मुख्यमंत्री” चाहते हैं या “नकल किया हुआ CM,” और खुद को बिहार के शीर्ष पद के लिए “मूल” उम्मीदवार के रूप में पेश किया। यह स्पष्ट संकेत था कि महागठबंधन में नेतृत्व की भूमिका तेजस्वी ही निभाना चाहते हैं, जबकि राहुल गांधी और कांग्रेस इस विषय पर स्पष्ट नहीं हैं।