नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बुधवार को शिवसेना को करारा झटका और एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत सुनाई. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे. शिवसेना के उद्धव गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित उनके गुट के 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
31 जनवरी से पहले स्पीकर को करना होगा फैसला
शिवसेना के फैसले के बाद अब एनसीपी की बारी है. शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच एनसीपी पर अधिकार की लड़ाई चल रही है. इस रस्साकस्सी का फैसला भी 31 जनवरी को स्पीकर राहुल नार्वेकर को ही करना है.
20 जनवरी को गवाहों से होगी पूछ- ताछ
एनसीपी गुट द्वारा याचिकाओं पर उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, 31 जनवरी तक फैसला लेना होगा. जानकारी के मुताबिक, 18 जनवरी या उससे पहले इस मामले में शामिल गवाहों की लिस्ट जारी होगी. 20 जनवरी को गवाहों से पूछ-ताछ होगी.
इसके बाद 25 जनवरी से आखिरी सुनवाई होगी जो 27 जनवरी तक चलेगी. इसके बाद स्पीकर अपना फैसला सुनाएंगे. महाराष्ट्र में शिवसेना की तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी दो गुटों में बंट चुकी है.
जानें क्या है विवाद?
कुछ समय पहले अजित पवार गुट ने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नाम और सिंबल पर चुनाव आयोग से अपना दावा पेश किया. वहीं, शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अजित पवार गुट के दावों पर सवाल उठाया है.
वहीं शरद पवार गुट का कहना है कि पार्टी के नाम और चिन्ह पर मांग की कोई कानूनी वैधता नहीं है. शरद पवार ने पार्टी छोड़कर जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की है.