नई दिल्ली. सरकार ने पिछले चार वर्षों में सहकारी क्षेत्र में कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है।
मोदी सरकार ने बनाई विशेष मंत्रालय: सहकारिता क्षेत्र को नई दिशा
सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने लोकसभा में सवाल-जवाब के दौरान बताया कि मोदी सरकार ने देश में सहकारी समितियों को सुदृढ़ करने के लिए सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है। यह कदम देश के सहकारी क्षेत्र को नई दिशा देने और उन्हें आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
देश में सहकारी समितियों का प्रभाव
मंत्री मुरलीधर मोहोल ने कहा कि देश भर में लगभग 8 लाख सहकारी समितियां सक्रिय हैं। इन समितियों से लगभग 30 करोड़ लोग सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि आज देश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी का सहकारिता समितियों से जुड़ाव है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सहकारिता का महत्व
सहकारी समितियां किसानों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती हैं। इसके अलावा, ये समितियां ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, उत्पादन वृद्धि और सामाजिक सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाती हैं।
भविष्य की योजनाएं और दृष्टिकोण
मुरलीधर मोहोल ने यह भी बताया कि सरकार सहकारिता क्षेत्र में और डिजिटलाइजेशन, पारदर्शिता और अधिक सदस्य भागीदारी बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही है। इसका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाना और देश में सहकारी आंदोलन को मजबूती देना है।
