नई दिल्ली. आज विश्व टेलीविज़न दिवस (World Television Day) मनाया जा रहा है। यह दिन टीवी को एक ऐसे महत्वपूर्ण माध्यम के रूप में पहचान देता है, जो सूचना देने, शिक्षित करने, जनता की राय को प्रभावित करने और वैश्विक समझ को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1996 में पारित एक प्रस्ताव के बाद हर वर्ष 21 नवंबर को यह दिवस मनाने की घोषणा की थी।
भारत में टीवी नेटवर्क का दायरा
भारत में टेलीविज़न का प्रभाव बेहद व्यापक है।
देशभर में 23 करोड़ घरों में 90 करोड़ लोग टीवी देखते हैं।
मार्च 2025 तक 918 प्राइवेट सैटेलाइट चैनल संचालित हो रहे हैं, जो एक मजबूत और विविधतापूर्ण प्रसारण व्यवस्था को दर्शाते हैं।
यह दिवस सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और उसके सार्वजनिक प्रसारण नेटवर्क प्रसार भारती के तत्वावधान में मनाया जाता है।
दूरदर्शन–आकाशवाणी की विशेष पहलें
वर्ल्ड टेलीविज़न डे के अवसर पर दूरदर्शन (Doordarshan) और आकाशवाणी (All India Radio) द्वारा कई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। इनके माध्यम से—
सार्वजनिक सेवा संचार,
विकास से जुड़ी सरकारी योजनाओं का संदेश,
राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सौहार्द
को बढ़ावा दिया जाता है।
भारत में टीवी प्रसारण का इतिहास
भारत में टीवी प्रसारण की शुरुआत बहुत सीमित स्तर से हुई थी।
15 सितंबर 1959 को ऑल इंडिया रेडियो ने प्रयोगात्मक प्रसारण शुरू किया।
1965 में नियमित प्रसारण शुरू हुआ और दूरदर्शन एक स्वतंत्र टीवी सेवा के रूप में विकसित हुआ।
मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर का आर्थिक योगदान
भारत का Media & Entertainment Sector तेजी से बढ़ रहा है।
2024 में इस क्षेत्र ने 2.5 ट्रिलियन रुपये का योगदान दिया।
अनुमान है कि 2027 तक यह आंकड़ा 3 ट्रिलियन रुपये पार कर जाएगा।
