नई दिल्ली. गृह मंत्रालय (MHA) ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA), 2010 के तहत पंजीकृत सभी गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के लिए नया निर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने समय पर रिन्यूअल आवेदन करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इससे स्क्रूटनी प्रक्रिया सुगम होगी, अंतिम समय की देरी से बचा जा सकेगा और विदेशी फंडेड प्रोजेक्ट्स में कोई रुकावट नहीं आएगी।
समय से पहले करना होगा आवेदन
निर्देश के अनुसार, NGOs को अपने मौजूदा FCRA पंजीकरण की समाप्ति से कम से कम चार महीने पहले रिन्यूअल आवेदन जमा करना होगा। यह रिमाइंडर इसलिए जारी किया गया है क्योंकि कई संगठन अब तक 90 दिन से भी कम समय पहले आवेदन कर रहे थे, जिससे प्रक्रिया में दिक्कतें आ रही थीं।
कानूनी प्रावधान और आवेदन प्रक्रिया
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि FCRA, 2010 की धारा 16 और FCRA नियम, 2011 के नियम 12 के तहत सभी संगठनों को अपने पंजीकरण प्रमाणपत्र की समाप्ति से छह महीने पहले तक आवेदन करना कानूनी रूप से अनिवार्य है। आवेदन Form FC-3C के जरिए ऑनलाइन जमा करना होगा और निर्धारित प्रारूप में शपथपत्र भी संलग्न करने होंगे।
सर्टिफिकेट लैप्स होने का खतरा
MHA ने चिंता जताई कि देर से आवेदन करने पर सुरक्षा अनुमति और प्रशासनिक जांच में देरी होती है। कई मामलों में सर्टिफिकेट का नवीनीकरण होने से पहले ही यह समाप्त हो जाता है। सर्टिफिकेट खत्म होने पर NGOs विदेशी फंड्स प्राप्त या उपयोग नहीं कर पाते, जिससे कल्याणकारी योजनाएं, चैरिटी कार्य और विकास परियोजनाएं प्रभावित होती हैं।
कार्यक्रमों में रुकावट से बचाव
मंत्रालय ने NGOs को चेतावनी दी है कि वे निर्धारित समयसीमा का पालन करें ताकि चल रही परियोजनाओं में कोई बाधा न आए। निर्देश में साफ कहा गया है कि रिन्यूअल आवेदन समाप्ति तिथि से चार महीने पहले तक अवश्य दाखिल कर दिया जाए। इससे समय पर प्रोसेसिंग होगी, विदेशी फंड्स तक निर्बाध पहुंच बनी रहेगी और NGOs को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सकेगा।
अनुपालन और सुचारु संचालन पर जोर
गृह मंत्रालय की यह पहल FCRA ढांचे के तहत सख्त अनुपालन को लेकर उसकी प्राथमिकता को दर्शाती है। समय पर आवेदन करने की अपील के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि NGOs बिना किसी रुकावट के काम कर सकें और विदेशी फंडिंग में पारदर्शिता व जवाबदेही बनी रहे।