धर्मशाला (कांगड़ा). जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला में सज़ा काट रहे कैदियों को अवसाद से दूर रखने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने के लिए पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. जिला कारागार में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के डायरेक्टर कमल प्रकाश मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे. इसके अतिरिक्त कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण ग्रहण करने वाले कैदियों को बैंक की ओर से प्रमाण पत्र भी वितरित किए, ताकि जेल से बाहर निकलते ही कैदी अपना रोजगार स्थापित कर सके.
कारगर साबित होगा यह क़दम
जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला में सजा काट रहे कैदी तरसेम सिंह ने कहा की जेल के भीतर दिए गए इस प्रशिक्षण के माध्यम से कैदियों ने बांस से बनने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पादों का निर्माण करना सीखा है, जो की उन्हें सजा काटने के बाद अच्छा जीवन जीने में तथा स्वरोजगार की दृष्टि से कारगर सिद्ध होगा.
उन्होंने कहा की प्रदेश में अत्यधिक मात्रा में बांस उपलब्ध होता है और इससे कम लागत में कई सजावट की वस्तुएं बनाकर अच्छी कीमत वसूल की जा सकती है. उन्होंने कहा की प्रदेश में बहुत से मेलों का आयोजन होता रहता है, जिससे की इन उत्पादों को आसानी से बेचा भी जा सकता है. तरसेम ने कहा की जेल में इस प्रकार के प्रशिक्षण से अवसाद व नशे की प्रवृतियों से दूर रहने में सहायता मिलती है.
ताकि मुख्य धरा से जोड़ा जा सके
जिला कारागार धर्मशाला के डिप्टी सुपरिटेंडेंट विनोद चम्बियाल ने बताया कि शिविर में कारागार के 33 पुरुष कैदियों ने भाग लिया, जिसमें प्रशिक्षक विजय कुमार की ओर से बांस की कलाकृतियों को बनाने का प्रशिक्षण दिया गया, ताकि अपने गुनाहों की सजा खत्म कर कैदी समाज में रोजगार प्राप्त कर सके. चम्बियाल ने बताया कि जेल में समय-समय पर इस प्रकार की अन्य गतिविधियां करवाई जाती हैं, ताकि कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके.