बड़सर (हमीरपुर). हमीरपुर जिला के व्यापारी तराजू के बिना की उपभोक्ताओं को सामान बेचकर हजारों रुपयों की चपत लगा रहे हैं. जिले में करीब दस या बारह दर्जन ऐसे व्यापारी हैं जो बीते तीन और चार वर्षों से बिना नापतोल यंत्रों के सत्यापन से ही ग्राहकों को सामान बेच रहे हैं.
ऐसे में व्यापारी मुनाफाखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं. मापतोल विभाग द्वारा व्यापारियों के मापतोल का सत्यापन दो वर्ष में एक बार किया जाता है, लेकिन छह दर्जन व्यापारी ऐसे हैं जो बीते सत्यापन शिविर में भी मापतोल यंत्रों के सत्यापन के लिए नहीं आए. व्यापारियों ने निर्धारित अवधि के बाद भी मापतोल यंत्रों का सत्यापन नहीं करवाया है. पुराने बाटों और तराजू में ही सामान तोलकर व्यापारी उपभोक्ताओं को चूना लगा रहे हैं.
विभाग के निर्देशों के बावजूद जिला के व्यापारी मूकदर्शक बने हुए हैं. विभाग ने ऐसे व्यापारियों के लिए 15 से 22 फरवरी तक का मौका दिया है. ऐसे व्यापारी इस अवधि के दौरान विभाग के कार्यालय में आकर यंत्रों का सत्यापन करवा सकते हैं. अगर व्यापारी इस अवधि में भी सत्यापन नहीं करवाते हैं तो विभाग द्वारा उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. जिला मुख्यालय के अतिरिक्त रैली जजरी, कलवाल, चकमोह, दियोटसिद्ध, कुहारली, घंघोट आदि कस्बों के व्यापारी बिना मापतोल यंत्रों के सत्यापन के ही सामान बेच रहे हैं.
विभाग के निरीक्षक नसीब कुमार ठाकुर का कहना है कि करीब छह दर्जन ऐसे डिफाल्टर व्यापारी विभाग की सूची में दर्ज हैं, जिन्होंने निर्धारित समयावधि के बाद भी यंत्रों का सत्यापन नहीं करवाया है. ऐसे व्यापारी मुनाफाखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि 15 से 22 फरवरी तक विभाग मापतोल यंत्रों के सत्यापन का शिविर जिला कार्यालय में लगा रहा है. जो डिफाल्टर यंत्रों का सत्यापन नहीं करवाएंगे विभाग उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करेगा.