शिलाई. ग्राम पंचायत झकान्डो के विभिन्न गांवों के लिए बनाई गई जामली से चऊरोंटा सड़क के बनने में लाखों रुपये के धांधली का मामला प्रकाश में आया है. आलम यह है कि लगभग सात सालों में सड़क को वाहन तो दूर चलने लायक भी नहीं बनाया जा सका है. जबकि सड़क बनाने में विभाग ने 14 लाख रुपये खर्च कर दिये.
इतना ही नहीं इसी सड़क के लिए जिला उपायुक्त निधि से अतिरिक्त 3 लाख रुपया स्वीकृत किए गए हैं. रोड बनने में देरी होने से विभाग व स्थानीय नेताओं के प्रति लोगों में भारी रोष है. स्थानीय लोग इस सड़क को बनाने में पैसों के दुरुपयोग व व्यक्तिगत लाभ देने के आरोप लगा रहे हैं.
ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों में बलदेव चौहान,अतर सिंह,पवन कुमार, सुरेश कुमार विनोद चौहान,छाजू राम,कपिल देव, ग्यारु राम, प्रताप सिंह, दिनेश कुमार, अनिल कुमार, सतपाल चौहान, राजेश कुमार ने बताया कि विभाग ने जामली से चऊरोंटा के लिए लगभग 14 लाख रुपये खर्च के बावजूद सड़क आधी-अधूरी ही बनाई गई. ग्रामीण गुस्से में कहते हैं कि जो थोड़ी-बहुत सड़क बनी भी है वह इतनी बेकार है कि वाहन और इंसान तो दूर जानवर भी नहीं चल सकते हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि सम्बन्धित ठेकेदार से पिछले पैसे की रिकवरी ली जाए और नया पैसा गांव के लिए बनाई जा रही धारवा से अम्बोटा लिंक सड़क तक के लिए जारी किया जाए ताकि ग्रामीणों को फायदा हो सके.
क्या कहते हैं अधिकारी
लोनिवि मंडल शिलाई के अधिशासी अभियंता प्रमोद उप्रेती ने बताया की जमली से चऊरोंटा लिंक सड़क के लिए राष्ट्रीय समविकास योजना के लिए पैसा खर्च किया गया है. हलांकि उन्होने सड़क बनाने में खर्च की गई राशि तुरंत बता पाने में अपनी असमर्थता जतायी.
उन्होंने बताया कि इसी सड़क के लिए जिला उपायुक्त फंड से लगभग 3 लाख रुपये की स्वीकृति आई है, पूरा मामला क्या है यह तो जाँच करने के बाद ही पता चल पाएगा. उन्होंने बताया की वर्तमान मे आए पैसे का दुरूपयोग नहीं होने दिया जाएगा. जिला उपायुक्त ने निरीक्षण के बाद स्थानीय लोगो की सहमती से पैसे खर्च करने की बात कही है.