नई दिल्ली. भारतीय सशस्त्र बलों ने एक बार फिर अपनी शक्ति और समन्वय का शानदार प्रदर्शन किया है। पश्चिमी सीमा पर भारत की तीनों सेनाएं – थल सेना, वायु सेना और नौसेना – संयुक्त रूप से ‘एक्सरसाइज त्रिशूल (Exercise Trishul)’ का संचालन कर रही हैं। यह अभ्यास 30 अक्टूबर से शुरू हुआ है और 10 नवंबर तक चलेगा। इस समय इसका मुख्य केंद्र गुजरात के श्री क्रीक (Sri Creek) क्षेत्र के पास है, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ इलाका है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘त्रिशूल’ अभ्यास
यह सैन्य अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब कुछ ही दिन पहले भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)’ चलाकर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। ये कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
क्या पाकिस्तान के लिए है यह चेतावनी?
‘एक्सरसाइज त्रिशूल’ को विशेषज्ञ पाकिस्तान के लिए एक सख्त संदेश मान रहे हैं। खास बात यह है कि यह अभ्यास उसी श्री क्रीक क्षेत्र में हो रहा है, जहां हाल ही में पाकिस्तान द्वारा सैन्य ढांचे को मजबूत करने की खबरें आई थीं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कड़ा संदेश
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अक्टूबर में भुज मिलिट्री स्टेशन के अपने दौरे के दौरान पाकिस्तान को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान श्री क्रीक क्षेत्र में कोई भी ‘दु:साहस (misadventure)’ करता है, तो भारत की प्रतिक्रिया निर्णायक (decisive response) होगी।
राजनाथ सिंह ने कहा था —
“ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लद्दाख से लेकर श्री क्रीक तक भारत की रक्षा तैयारियों को कमजोर करने की नाकाम कोशिश की। अब वह श्री क्रीक इलाके में सैन्य ढांचे को बढ़ाकर अपनी मंशा साफ कर चुका है। लेकिन भारत की सीमाएं सेना और बीएसएफ मिलकर सुरक्षित रखे हुए हैं। अगर पाकिस्तान ने कोई भी गलत कदम उठाया, तो उसे ऐसी निर्णायक प्रतिक्रिया मिलेगी जो इतिहास और भूगोल दोनों बदल देगी।”
एकता का प्रतीक ‘त्रिशूल’
‘एक्सरसाइज त्रिशूल’ का मकसद तीनों सेनाओं के बीच तालमेल, रणनीतिक समन्वय और जमीनी हकीकतों पर आधारित युद्ध-तैयारी (Combat Readiness) को और मजबूत करना है। यह अभ्यास इस संदेश के साथ हो रहा है — “Strength in Unity” यानी ‘एकता में ही शक्ति है’।
