नई दिल्ली. 9 जुलाई 2024 को देशभर में Bharat Bandh का ऐलान किया गया है, जिसका आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने किया है। इस राष्ट्रव्यापी विरोध को किसान संगठनों का भी समर्थन प्राप्त है, और इसे केंद्र सरकार की “corporate-friendly policies” के खिलाफ एक संगठित प्रतिक्रिया माना जा रहा है।
आयोजकों का कहना है कि New Labour Codes, श्रमिकों की सुरक्षा को कमजोर करते हैं, privatization तेज़ी से बढ़ रहा है, और inflation, unemployment जैसी समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है। इस बंद में 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों की भागीदारी की संभावना है, जिससे कई ज़रूरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
कौन हैं Bharat Bandh के पीछे?
Bharat Bandh का नेतृत्व इन 10 केंद्रीय यूनियनों ने किया है: AITUC (Akhil Bhartiya Trade Union Congress) INTUC, CITU, HMS, SEWA, AIUTUC, AICCTU, TUCC, LPF, UTUC इन यूनियनों का आरोप है कि सरकार द्वारा लागू किए गए चार नए श्रम संहिताएं, काम के घंटों को अधिक वैध बनाती हैं
यूनियनों की ताकत कम करती हैं
Right to Strike और Collective Bargaining को सीमित करती हैं, Labour Rights को कमजोर करती हैं
क्या हैं ट्रेड यूनियनों की मुख्य मांगें?
Four Labour Codes को पूरी तरह से वापस लिया जाए,PSU और Public Services के Privatization पर रोक लगे,Minimum Wage Guarantee और Universal Social Security की व्यवस्था है, Contract System पर रोक और स्थायी रोजगार की गारंट, दशकों से लंबित Indian Labour Conference की बहाली, स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक कल्याण पर अधिक निवेश.
9 जुलाई को कौन-कौन सी सेवाएं हो सकती हैं प्रभावित?
Public Sector Banks और बीमा कंपनियों में कामकाज बाधित हो सकता है, Coal & Mining, Steel, Oil & Gas, Power Sectors के कर्मचारी शामिल हो सकते हैं Postal Services, NHAI और Construction Projects, कई राज्यों में State Transport Services (जैसे: WB, Kerala, Punjab) ठप रह सकती हैं, हालांकि Indian Railways औपचारिक रूप से हड़ताल का हिस्सा नहीं है, लेकिन यूनियन लीडर्स ने road blocks और junction level disruption की चेतावनी दी है।
कौन-कौन सी सेवाएं रहेंगी चालू?
Hospitals and Emergency Services निजी कार्यालय, IT firms (हालांकि आवागमन पर असर पड़ सकता है) स्कूल-कॉलेज (यदि प्रशासन बंद घोषित नहीं करता) रेलवे (कुछ मामूली देरी संभव)
किसानों का समर्थन क्यों?
Samyukta Kisan Morcha (SKM) और कई राज्यों के किसान संगठन Bharat Bandh में शामिल हो रहे हैं। उनकी मुख्य मांगें हैं, MSP Guarantee Law, Input Costs में राहत और Fair Crop Prices, Land Policies और मंडियों के निजीकरण का विरोध MNREGA, Fertilizer Subsidy और Ration Cuts का विरोध
अब विरोध क्यों हो रहा है?
ट्रेड यूनियनों का कहना है कि पिछले आंदोलनों के बाद हालात और बिगड़े हैं: Youth Unemployment 17% के करीब, Food Inflation 8% पार,Wages stagnant हैं, जबकि Living Costs बढ़ रही हैं, PSU का Privatization तेज, Surveillance और Internet Shutdown जैसी घटनाएं बढ़ीं।
सरकार की क्या प्रतिक्रिया है?
Shram Mantralaya की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन सरकार का दावा है कि Labour Reforms व्यापार को आसान बनाने और रोजगार को formalize करने के लिए जरूरी हैं।