शिमला. हमीरपुर सांसद अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री वीरभद्र के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ असंगत संपत्ति का मामला सिर्फ़ 5-7 करोड़ का ही है जो कि बड़ी बात नहीं है क्योंकि उनके पास सैकड़ों करोड़ की संपत्ति है.
मुख्यमंत्री के बयान पर टिप्पणी करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा, “मैं वीरभद्र सिंह जी से एक बहुत छोटा सवाल करना चाहता हूँ अगर 5-7 करोड़ रुपये उनके लिए छोटी रकम है तो फिर क्यों नहीं वो आय से अधिक संपत्ति रखने पर अपने करों का भुगतान करते हैं. जब उनके पास करोड़ों रुपए की इतनी सम्पत्ति है तो साल 2012 में वकामुल्ला चंद्रशेखर से 3.90 करोड़ रुपये 12% के लोन पर लेने की उन्हें क्या ज़रूरत पड़ गई इस भी वो थोड़ा प्रकाश डालने का कष्ट करें.”
उन्होने आरोप लगाया, ” वीरभद्र सिंह ने अपने पैतृक घर को मियार जलविद्युत परियोजना, लाहौल और स्पीति में काम करने वाली फर्म को किराए पर दिया है, जबकि उनका परिवार उसी घर में रह रहा है. पहले साल उन्होंने फ़र्म से 12 लाख रुपये का किराया लिया जो की अगले साल से किराया बढ़ा के उन्होंने 13.20 लाख रुपये कर दिया. जिसका मासिक भुगतान 1.10 लाख रुपए बैठता है. छह बार के मुख्यमंत्री जो बुद्धिमान और धनी होने का दावा करता है उसे क्या ये शोभा देता है.”
अनुराग ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री का ध्यान उनके उस मानसिकता की तरफ़ खींचना चहता हूँ जिसमें वीरभद्र सिंह द्वारा सीलिंग एक्ट के प्रावधान के अनुसार भूमि कई वर्षों तक उनके द्वारा समर्पित नहीं की गई थी और यह उस समय भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के हस्तक्षेप पर उन्हें भूमि को राज्य सरकार के समक्ष समर्पित करना पड़ा.”