नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद बनाए जाने के प्रस्ताव को लेकर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि यह कदम न तो मुसलमानों के हित में है और न ही हिंदुओं के लिए, बल्कि इसका मकसद चुनावी फायदे के लिए पुराने विवादों को फिर से जिंदा करना है।
रविवार को दिए बयान में मोहन भागवत ने कहा कि इस तरह के मुद्दे समाज में तनाव पैदा करते हैं और इनसे किसी समुदाय का भला नहीं होता।
“यह वोट के लिए किया जा रहा, समाज के लिए नहीं” – मोहन भागवत
RSS प्रमुख ने कहा,
“यह बाबरी मस्जिद को फिर से बनाकर विवाद खड़ा करने की एक राजनीतिक साजिश है। यह वोटों के लिए किया जा रहा है। यह न मुसलमानों के फायदे में है और न हिंदुओं के। ऐसा नहीं होना चाहिए।”
उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब पश्चिम बंगाल में इस मुद्दे को लेकर तेज राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।
क्या सरकार को धार्मिक स्थल बनाने चाहिए?
जब मोहन भागवत से पूछा गया कि क्या सरकार को धार्मिक स्थलों के निर्माण में पैसा लगाना चाहिए, तो उन्होंने साफ कहा कि सरकार को मंदिर, मस्जिद या किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं करना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण सरकार के पैसे से नहीं हुआ था, राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बने ट्रस्ट के जरिए हुआ और उसमें भी सरकारी धन का इस्तेमाल नहीं किया गया, राम मंदिर हम सबके योगदान से बना है।
6 दिसंबर को रखी गई थी मस्जिद की नींव
गौरतलब है कि निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर ने 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद जैसी मस्जिद की नींव रखी थी। यही वह तारीख है, जब 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। नींव रखने के कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। आयोजन के दौरान:
करीब 40 हजार लोगों को शाही बिरयानी परोसी गई
11 से 12 बड़े डोनेशन बॉक्स लगाए गए
लोगों से खुले तौर पर मस्जिद निर्माण के लिए दान की अपील की गई
चंदे में करोड़ों रुपये जुटाने का दावा
हुमायूं कबीर के मुताबिक,
डोनेशन बॉक्स से अब तक ₹57 लाख की राशि गिनी जा चुकी है
वहीं QR कोड पेमेंट के जरिए ₹2.47 करोड़ जमा हो चुके हैं
कबीर का कहना है कि उन्होंने यह कदम लोगों की मांग पर उठाया है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज
इस पूरे मामले पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। BJP ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर “सांप्रदायिक तुष्टीकरण” का आरोप लगाया। वहीं TMC का दावा है कि यह पूरा मामला BJP की शह पर ध्रुवीकरण के लिए खड़ा किया गया। विवाद बढ़ने के बाद TMC ने विधायक हुमायूं कबीर को निलंबित कर दिया और पार्टी ने खुद को इस आयोजन से अलग बताया।
