नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले कहा कि यह सत्र सिर्फ एक परंपरा या औपचारिकता नहीं है, बल्कि देश को विकास की दिशा में ले जाने वाली ऊर्जा का स्रोत है।
मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की आर्थिक मजबूती और विकास दर ऐतिहासिक ऊंचाइयों को छू रही है। यह बढ़ता आत्मविश्वास हमें विकसित भारत के संकल्प की ओर आगे बढ़ने की ताकत देता है। उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को साबित किया है कि लोकतंत्र न सिर्फ निभाया जा सकता है, बल्कि अच्छे परिणाम भी दे सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि यह सत्र चुनावी हार की निराशा या जीत के अहंकार का अखाड़ा नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में नकारात्मकता की अपनी भूमिका हो सकती है, लेकिन राष्ट्र निर्माण सकारात्मक सोच और सहयोग से ही संभव है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इस सत्र में युवा सांसदों को अधिक अवसर मिलना चाहिए ताकि नई पीढ़ी की ऊर्जा और दृष्टि संसद में प्रतिबिंबित हो सके।
मुख्य बातें
शीतकालीन सत्र सिर्फ एक रिवाज़ नहीं, बल्कि विकास की ऊर्जा: PM
भारत की अर्थव्यवस्था तेज़ी से नई ऊंचाइयों पर
सभी दलों से सकारात्मक माहौल में सत्र चलाने की अपील
नई पीढ़ी के सांसदों को मौका देने पर जोर
