नाहन (सिरमौर). आदर्श कारागार में कैदियों द्वारा बैकरी के अलावा तरह तरह की मिठाइयां तैयार की जा रही है. जिसे खुद के बन्दियों द्वारा मार्केट में बेचा भी जाता है. यही नहीं जेल प्रबंधन के पास संबंधित कारोबारियों की बड़ी डिमांड इसे खरीदने के लिए रहती है. जेल अधीक्षक जयगोपाल लोदटा ने बताया कि बेकरी में करीब 12 प्रकार के उत्पाद बनाए जाते है. जिसकी बाजार में भारी मांग रहती है उन्होंने बताया कि यह उत्तम किस्म के उत्पाद होते है और यहां कम दामों पर उपलब्ध होते है.
इस कारागार में पहले सिर्फ बन्दियों के लिए वर्दियां सिली जाती थी मगर अब यहां पुलिस महकमे के कर्मचारियों के लिए भी वर्दियां सिलने का काम किया जा रहा है. जेल अधीक्षक जयगोपाल लौदटा ने बताया कि हाल ही में यहां करी 500 से भी अधिक कर वर्दियाँ सिलने का ऑर्डर मिला है.
जेल में हैंडलूम का कार्य भी चल रहा है यहां उत्तम किस्म के शाल,जैकेट्स,स्टाल्स और केप्स तैयार किए जाते है इनकी भू खूब डिमांड रहती है. प्रबंधन द्वारा यहां वर्मी कंपोस्ट भी तैयार की जा रही है जिसका इस्तेमाल यहां खेती-बाड़ी में किया जाता है यही नहीं वर्मी कंपोस्ट को जेल प्रबंधन द्वारा बेचा भी जाता है. यहां कई बीघों में खेतीबाड़ी भी की जा रही है जिसमे कई तरह की सब्जियां उगाई जाती है.
जेल प्रबंधन द्वारा बन्दियों के सुधार की दिशा में उठाए गए इन कार्यों से जहां प्रिजनर वेलफेयर फंड में बढ़ोतरी हो रही है. वही जेल के भीतर की बन्दियों की आमदनी का साधन भी पैदा हुआ है. जल प्रबंधन की यह पहल निश्चित तौर पर काबिले तारीफ है.