राष्ट्रपति चुनाव पर आज होने वाले बैठक से पहले ही विपक्ष ने यह संकेत दे दिया है कि किसी भी हिंदूवादी चेहरे और संघ की विचारधारा धारा से जुड़ा व्यक्ति उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए मंजूर नहीं होगा. अगर एनडीए उनके बात को अनदेखा करता है तो वह भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतार सकते हैं. इससे यह साफ़ हो गया कि भाजपा को भी अपने उम्मीदवार के बारे में एक बार फिर से सोचना होगा. वहीं सोनिया गाँधी और राजनाथ सिंह कि होने वाली आज की इस बैठक बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि आम सहमति के लिए सरकार शायद संभावित राष्ट्रपति उम्मीदवारों के नाम विपक्ष से साझा करे.
हालांकि विपक्ष ने संघ के किसी भी कट्टर चेहरे को स्वीकार करने को तैयार नहीं है क्योंकि संघ हमेशा से संविधान में बदलाव की मांग करते आ रहा है और देश में कई ज्वलंत मुद्दे जो संघ के नेताओं द्वारा उठाये जाते रहे हैं,जैसे मनमोहन वैद्य द्वारा आरक्षण व्यवस्था को ख़त्म करने वाले बयान से संघ की काफी किरकिरी हुई थी और इस बयान के बाद विपक्षी पार्टियाँ संघ पर काफी हावी हो गई थीं. अब यह होगा कि आम सहमति के लिए सरकार किस नाम के साथ आगे बढती है.