राज्य गुड्स एडं सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) विधेयक को हिमाचल विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है. विशेष सत्र में करीब (जीएसटी) बिल पर एक घंटे बहस के बाद सबकी सम्मति से इसे पारित किया गया. केंद्र के जीएसटी विधेयक को हिमाचल में भी उसी रूप में पास किया गया है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया. एक जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू होने से समान कर प्रणाली होगी. इससे हिमाचल में करीब एक दर्जन टैक्स समाप्त हो जाएंगे. विधानसभा में विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्र वीरभद्र सिंह ने राज्य गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के विशेषताएं गिनाईं.
राज्य में चार टैक्स फिर भी रहेंगे प्रभावी
जीएसटी लागू होने के बावजूद हिमाचल में राज्य सरकार के चार टैक्स प्रभावी रहेंगे. ये जीएसटी के दायरे से बाहर रहेंगे. अतिरिक्त वस्तु कर, सीजीसीआर, यात्री वस्तु कर और टोल टैक्स की दरें प्रदेश सरकार खुद तय करेगी. भले ही देशभर में समान टैक्स प्रणाली होने से रोजमर्रा की कई वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा, लेकिन राज्य सरकार चार तरह के पुराने टैक्स फिर भी लागू कर सकती है. इसके अलावा केंद्र ने पेट्रोलियम पदार्थों और शराब को भी जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है. इन पर हिमाचल सरकार खुद टैक्स लगा सकेगी.
इन चीजों पर टैक्स नहीं लगेगा अब
वैट और सेल्ज टैक्स, सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स, स्पेशल ड्यूटी कस्टम, मनोरंजन कर खरीद शुल्क, लग्जरी टैक्स, सर्विस टैक्स, सेंट्रल सरचार्ज व सेस, स्टेस सेस व सरचार्ज, और लाटरी, जुआ और सट्टेबाजी टैक्स. इन सभी को मिलकर लगभग ग्यारह चीजों पर नहीं लगेगा टैक्स.