शिमला. हिमाचल सरकार की जनविरोधी नीतियों और घोषणाओं के खिलाफ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बड़ा हमला बोला है. जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन की बात करने वाली सरकार में विरोधाभास की स्थिति पैदा हो गई है. एक तरफ सरकार बजट के अभाव का हवाला देकर संस्थानों को बंद कर रही है. दूसरी तरफ निगम वार्डों में अध्यक्षों और CPS की नियुक्ति अपने आप में व्यवस्था परिवर्तन की पोल खोल रही है.
शिमला में मीडिया से बात करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के पास कर्मचारी चयन आयोग को बंद करने का अधिकार है, लेकिन आयोग को बंद करने से समस्या का समाधान हो रहा है, यह उनकी समझ से परे है. ठाकुर ने कहा कि पेपर लीक मामले पर जो दोषी पाए गए हैं. सरकार उन पर कार्रवाई करती न कि आयोग को बंद करने का फैसला लेती.
4,000 युवाओं की भर्ती प्रक्रिया रुकी
सरकार पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि आयोग के बंद होने से हिमाचल में 4000 युवाओं की भर्ती की प्रक्रिया रुक गई है. अब यह सरकार पर निर्भर करता है कि वह इन युवाओं को नौकरी देने के लिए क्या मैकेनिज्म तैयार करती है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि आयोग का गठन समय की मांग को ध्यान में रखकर किया गया था, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो और भर्ती प्रक्रिया भी जल्दी जल्दी पूरी हो सके. लेकिन सरकार ने इस आयोग को बंद करके बेरोजगारी की समस्या को दूर करने की बजाय इसे और बढ़ा दिया है.
बजट सत्र में इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट सत्र में भाजपा राज्य सरकार को इन तमाम मुद्दों पर घेरने की अपनी पूरी तैयारी कर चुकी है. कहा कि राज्य सरकार के 2 महीने के कार्यकाल में ऐसी परिस्थितियां बन गई हैं जो आज से पहले कभी नहीं बनी थीं. संस्थानों को बंद कर दिया गया है, जबकि उनके विधायक भी कह रहे हैं कि संस्थानों को खोला जाए.
टेंडर के टर्म्स एंड कंडीशन बदले जाने पर भी सरकार को घेरा
जयराम ठाकुर ने टेंडर की टर्म्स एंड कंडीशन को बदले जाने की व्यवस्था पर भी सरकार को घेरा. जयराम ठाकुर ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि टेंडर के टर्म एंड कंडीशन को क्यों बदला जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर पिछले सरकार के समय किए गए टेंडर में उन्हें कोई गलती लग रही है तो उसे कैंसिल कर सकते हैं, न कि उनके टर्म एंड कंडीशन को अपनी सुविधा के अनुसार बदला जाना चाहिए.