नई दिल्ली. Bihar Assembly Elections 2025 से पहले Election Commission of India (ECI) द्वारा Voter List Special Revision की प्रक्रिया शुरू करने के फैसले ने नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इस कदम का विरोध करते हुए चेताया है कि इससे लाखों मतदाताओं के वोटिंग राइट्स खतरे में पड़ सकते हैं।
कांग्रेस की आपत्ति: लोकतंत्र के लिए ‘खतरनाक इलाज’
Congress General Secretary KC Venugopal की ओर से साझा किए गए एक बयान में कांग्रेस ने ECI के इस कदम को अस्वीकार्य बताते हुए कहा है कि यह “बीमारी से भी ज्यादा खतरनाक इलाज” है। पार्टी का मानना है कि इस प्रक्रिया का उपयोग राज्य मशीनरी के जरिए चुनिंदा वोटरों को सूची से बाहर करने के लिए किया जा सकता है।
बयान में कहा गया कि बिहार और अन्य राज्यों में voter list update के नाम पर घर-घर जाकर दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में उन लोगों के नाम हटाए जा सकते हैं जो आवश्यक पहचान या पता प्रमाणपत्र नहीं दिखा पाएंगे।
क्या है Election Commission की योजना?
Election Commission के निर्देशों के मुताबिक प्रत्येक घर में जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन (physical verification) किया जाएगा।मतदाता की identity proof और address proof की जांच होगी। मौजूदा वोटर लिस्ट को completely revise करके नई voter database तैयार की जाएगी।
कांग्रेस की दलील: वोटर लिस्ट को पूरी तरह से रीसेट करने की तैयारी
कांग्रेस का आरोप है कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को fully discard कर नए सिरे से बनाई जाने वाली कवायद है, जिसमें eligible voters को फिर से enlist किया जाएगा। यह निर्णय millions of voters को वोटिंग प्रक्रिया से बाहर कर सकता है, खासकर economically weaker sections, प्रवासी मजदूरों और उन नागरिकों को, जिनके पास documents की कमी है।
कांग्रेस को किस बात का डर है?
कांग्रेस ने आशंका जताई कि राज्य के अधिकारी तय करेंगे कि कौन पात्र है और कौन नहीं। इससे न सिर्फ लोगों के voting rights under threat हैं, बल्कि लोकतंत्र की credibility और चुनाव की fairness भी प्रभावित हो सकती है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्र और राज्य की एजेंसियां यह तय करें कि कौन वोट दे सकता है – यह संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
EC ने क्यों शुरू की यह प्रक्रिया?
चुनाव आयोग का कहना है कि यह कवायद duplicate entries, fake voters, और ineligible names को हटाने के लिए की जा रही है, ताकि मतदाता सूची अधिक authentic और reliable बन सके। हालांकि, अभी तक आयोग की ओर से कांग्रेस की आपत्तियों पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है।
संभावित असर: क्या बदलेगा Bihar Elections 2025 का समीकरण?
यह विवाद 2025 में होने वाले Bihar Assembly Polls का बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है। यदि प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही, तो चुनाव आयोग की impartiality और transparency पर सवाल उठ सकते हैं। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर mass mobilization की योजना भी बना सकते हैं।