नई दिल्ली. भारत ने पाकिस्तान द्वारा उत्तरी वजीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले के पीछे भारतीय भूमिका की आशंका जताने को पूरी तरह “Contemptible” (अवमाननात्मक) और “Baseless Accusation” बताया है। इस हमले में पाकिस्तान के 13 जवानों की मौत हो गई थी।
Ministry of External Affairs (MEA) ने रविवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि हमने देखा है कि 28 जून को वजीरिस्तान में हुए आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान ने भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है। हम इस बयान को पूरी तरह खारिज करते हैं। यह एक अवमानना योग्य बयान है।
MEA के इस कड़े जवाब ने पाकिस्तान के उन आरोपों को सिरे से नकार दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत इस आत्मघाती हमले में किसी न किसी रूप से शामिल है।
Waziristan Attack: 13 सैनिक मारे गए, आतंकी संगठन उसुद अल-हरब ने ली जिम्मेदारी
शनिवार सुबह पाकिस्तान के Khyber Pakhtunkhwa प्रांत के North Waziristan जिले के खड्डी गांव में Suicide Bombing की एक भयावह घटना सामने आई।
ISPR (Inter-Services Public Relations) के अनुसार,
यह हमला एक माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड (MRAP) वाहन पर किया गया, जिसे Explosive-laden vehicle से टक्कर मारी गई।इस हमले की जिम्मेदारी एक उग्रवादी संगठन Usud Al-Harb, जो Hafiz Gul Bahadur Group से जुड़ा है, ने ली है।Khyber Pakhtunkhwa CM अली अमीन गंदापुर ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि हम अपने उन बहादुर जवानों को सलाम करते हैं जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
Terrorism Surge in Pakistan: बढ़ती आतंकी घटनाएं और सुरक्षा संकट
वर्ष 2022 में Tehrik-e-Taliban Pakistan (TTP) के साथ संघर्ष विराम टूटने के बाद पाकिस्तान में Terror Attacks में बड़ा उछाल आया है, खासकर Khyber Pakhtunkhwa और Balochistan में। Pakistan Institute for Conflict and Security Studies की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में 100 से अधिक आतंकवादी घटनाएं हुईं — यह संख्या नवंबर 2014 के बाद पहली बार पार हुई है। Global Terrorism Index 2025 में पाकिस्तान दूसरे स्थान पर है। आतंकवादी हमलों में मौतों की संख्या 45% तक बढ़ी और यह आंकड़ा 1,081 तक पहुंच गया।
India’s Firm Stand: Pakistan को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किया बेनकाब
भारत ने लगातार पाकिस्तान की “State Sponsored Terrorism” नीति की निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे Exposed किया है।
MEA ने अपने बयान में साफ किया है कि इस तरह के False Allegations से ध्यान भटकाने की कोशिश पाकिस्तान की आंतरिक असफलताओं को छिपाने का एक तरीका है।