शिमला. मुख्य निर्वाचन आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने हिमाचल के मुख्य सचिव को दो टूक कहा है कि इन चुनाव में किसी भी सेवानिवृत अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी न लगाई जाए. दोबारा नियुक्त किये गए अधिकारियों और कर्मचारियों को चुनाव से दूर रखा जाए. ऐसे में सरकार के चहेते अफसरों को चुनाव से दूरी बनानी पड़ेगी. आलम यह है कि सीएम का काम रिटायर्ड अफसर के भरोसे ही चलता है. हिमाचल में 1,400 से अधिक लोग पुर्नरोजगार और सेवा विस्तार पर हैं और अहम पद भी संभाल रहे हैं.
शपथ-पत्र भरने पर होगा नामांकन रद्द
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों ने यदि गलत शपथ-पत्र भरा तो आपराधिक मामले दर्ज होंगे. इस बार चुनाव आयोग नामांकन के दौरान भरे जाने वाले फॉर्म-26 में कोई भी जानकारी छुपाने पर बक्शे नहीं जाएंगे और नामांकन रद्द होगा.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त व उनकी टीम के दो दिवसीय दौरे के दौरान सभी अधिकारियों और राजनीतिक दलों से समीक्षा बैठक करने के बाद आयुक्त ने राजनीतिक दलों द्वारा दिये सुझावों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने सेवानिवृत कर्मियों को चुनाव ड्यूटी से हटाने की मांग की है. इसके साथ ही राजनीतिक दलों ने नेशनल हाइवे पर लगे होर्डिंग हटाने, सरकार कोई भी नई स्कीम की घोषणा नहीं करे इसकी मांग की है. इसके अलावा अन्य कई सुझाव राजनीतिक दलों ने दिए हैं, साथ ही प्रदेश की मौसम व भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए चुनाव नवम्बर दूसरे सप्ताह से पहले करवाने की पैरवी की है.
सीमा पर लगेंगे नाके
अंतर्राष्ट्रीय व अन्य राज्यों से लगती सीमाओं पर नाके लगेंगे ताकि चुनावी समय में किसी तरह की शराब, ड्रग आदि की आपूर्ति पर रोक के साथ-साथ पैसे के लेन-देन पर नजर रहे. मामले पर निर्वाचन आयोग ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के अंदर प्रवेश करने वाले सभी रास्तों पर नाकेबंदी बढाई जाए. जिसके लिए सेंट्रल फ़ोर्स भी तैनात की जाएगी. साथ ही वेबकास्टिंग, सीसीटीवी व वीडियोग्राफी से बॉर्डर चेक पोस्ट की निगरानी रहेगी.
मुख्य आयुक्त ने कहा कि 15 सितम्बर तक 49.05 लाख वोटर हैं. वहीं, 40,567 युवा पहली बार वोट डाल रहे हैं. जबकि 47,523 मतदाताओं के नाम शिफ्ट व मृत्यु होने के चलते नाम कटे हैं.
वर्तमान में कुल 7479 पोलिंग स्टेशन हैं. जिन बूथों पर रैंप नहीं है वहां एनएसएस और एनसीसी वॉलंटियर की ड्यूटी लगाई जाएगी, जिससे वृद्ध व विशेष लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो पाए.
कानून व्यस्था के लिए सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों पर निगरानी हेतु आब्जर्बर तैनात किए जाएंगे, जो हर गतिविधि पर नजर रखेंगे. पोलिंग स्टाफ को जरूरत पर कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.
खर्च पर नजर रखने के लिए कमेटियों का गठन
चुनाव आयोग प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए कमेटियां गठित करेगा. आबकारी कराधान विभाग का एक अतिरिक्त आयुक्त और 17 अन्य आला अधिकारियों सहित इस पर नजर रखेगा. अतिरिक्त निगरानी के लिए 200 उड़न दस्ते गठित किये गए हैं.
24 घंटे कंट्रोल रूम और फोन नंबर चालू रहेगा साथ ही एक कॉमन ईमेल भी होगी. वरिष्ठ पत्रकारों को लेकर पेड-न्यूज कमेटी बनाई गई है.
आगामी चुनाव में ईवीएम के साथ वीवीपैट की सुविधा सभी पोलिंग स्टेशनों पर उपलब्ध होगी. हिमाचल में हर विधानसभा के एक बूथ की वीवी पेटी की स्लिप की आयोग कॉउंटिंग करेगा ताकि सत्यता और पारदर्शिता जांची जा सके. राज्य में 136 पोलिंग स्टेशन पूरी तरह महिलाओं के नाम होगा. यहां पूरा स्टाफ महिलाओं का होगा जो चुनाव प्रक्रिया को पूरा करेंगी.