रांची. रिम्स में नर्सों की हड़ताल की वजह से मरीजोंं की परेशानी बढ़ गई है. दूर-दराज से आए मरीज अस्पताल से लौटने लगे हैं. सदर अस्पताल के नर्सों ने भी सेवा देने से इनकार कर दिया है. 150 नर्सों को सदर अस्पताल से बुलाया गया था. 11 फरवरी की मध्य रात्रि से नर्स बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं. प्रदर्शनकारी नर्स एम्स की तर्ज पर वेतन और सुविधाओं की मांग कर रहे हैं.
प्रबंधन और नर्सों के बीच वार्ता विफल होने के बाद रात भर नर्सों ने रिम्स निदेशक के कक्ष के सामने बैठकर प्रदर्शन किया. सुरक्षा और हड़तालियों से निपटने के लिए रिम्स में भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किय गया है.
जूनियर नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष रामरेखा कुमारी राय ने कहा कि बाहर की नर्सों को बुलाकर काम चलाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “सरकार ने उनके खिलाफ वादा खिलाफी की है. दस वर्षों से नर्सों के 230 पद रिक्त हैं. इन पदों पर नियुक्ति के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है. 2002 से रिम्स एम्स की तर्ज पर संचालित है। परंतु इसका लाभ कर्मियों को नहीं मिल रहा है.”
राज्य के स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने भी अस्पताल का दौरा किया है. उन्होंने कहा कि मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. रिटायर्ड नर्सो से अपील की गई है कि वे आकर सेवा दें.
रिम्स के अधिक्षक डॉ. एके चौधरी ने कहा कि मरीजों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी. वैकल्पिक व्यवस्था के लिए हमलोग प्रयासरत हैं. हड़तालियों से सख्ती से निबटा जाएगा.
स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. बाहर से नर्सों को बुलाया जाएगा. अगर किसी ने अस्पताल के कामकाज को बाधित करने की कोशिश करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी.