कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य के लिए अलग झंडे की मांग की थी. इस मांग को केंद्र सरकार ने ख़ारिज करते हुए कहा कि संविधान में राज्यों के अलग झंडे का कोई प्रावधान नहीं है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार को बताया कि संविधान में ‘एक देश एक झंडा’ को निर्देशित किया है. जिसमें कहा गया है कि तिरंगा ही पूरे देश का ध्वज है.
इस मामले को लेकर गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि हमारा देश एक है और झंडा भी एक है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई भी नियम नहीं है जिससे राज्यों को अलग झंडे लगाने की अनुमति मिले. हालांकि गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कर्नाटक राज्य का अलग झंडा है जो वहां के लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, परन्तु यह झंडा सरकार का नहीं है. उन्होंने कहा कि दो झंडों की मांग को लेकर कुछ लोगों ने अदालत में इसे चुनौती भी दी गई है, जो अभी अदालत में लंबित है.
राज्य के स्थापना दिवस पर लाल और पीले रंग का ‘कन्नड़ झंडा’ राज्य के कोने–कोने में फहराया जाता है. कांग्रेस की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार ने राज्य ध्वज का डिजाइन तय करने के लिये आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है. कर्नाटक सरकार के द्वारा यह पहल करने के बाद विपक्षी दल, सरकार का विरोध कर रहे हैं. अपनी सरकार का बचाव करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है! क्या भाजपा को इस बारे में पता है? अगर नहीं तो वे यह मुद्दा क्यों उठा रहे हैं. साथ ही यह भी कहा कि यह कोई चुनावी मुद्दा नहीं है. यहाँ पर चुनाव कोई दो–चार दिन या कुछ महीने में नहीं होने वाले है. जिसे उठाने से किसी को लाभ मिलेगा. साथ ही यह भी कहा कि भाजपा के लोग यह बयान जारी करें कि वह कर्नाटक के लिए अलग झंडा नहीं चाहते.