नई दिल्ली. शुक्रवार को केंद्र सरकार ने Armed Forces (Special Powers) Act (AFSPA) को मणिपुर राज्य में छह महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि, यह कानून मणिपुर के 13 थानों के अधिकार क्षेत्र में लागू नहीं होगा। यह फैसला राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए लिया गया है।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, AFSPA को नागालैंड के नौ जिलों और राज्य के पांच अन्य जिलों के 21 थानों के इलाकों में भी छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
अरुणाचल प्रदेश में यह कानून तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों में और नमसाई जिले के असम से सटे तीन थानों में लागू किया गया है। तीनों राज्यों में यह फैसला 1 अक्टूबर 2025 से अगले छह महीने के लिए प्रभावी होगा।
AFSPA क्या है?
अक्सर “कठोर कानून” कहे जाने वाले AFSPA के तहत सेना को “अशांत क्षेत्रों” में विशेष शक्तियां मिलती हैं। इनमें तलाशी, गिरफ्तारी और जरूरत पड़ने पर गोली चलाने तक के अधिकार शामिल हैं।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है:
“मणिपुर की कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद, Armed Forces (Special Powers) Act, 1958 की धारा 3 के तहत पूरे मणिपुर (निम्नलिखित 13 थानों के अधिकार क्षेत्र को छोड़कर) को 1 अक्टूबर 2025 से छह महीने की अवधि के लिए ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है, जब तक कि इसे पहले वापस न लिया जाए।”
मणिपुर में जहां लागू नहीं होगा AFSPA
इम्फाल वेस्ट जिला: इम्फाल, लामफल, सिटी, सिंगजामेई, पटसोई, वांगोई
इम्फाल ईस्ट जिला: पोरमपट, हेंगांग, इरिलबुंग
थौबल जिला: थौबल
बिष्णुपुर जिला: बिष्णुपुर, नामबोल
काकचिंग जिला: काकचिंग
मणिपुर की वर्तमान स्थिति
मणिपुर में 13 फरवरी 2025 से राष्ट्रपति शासन लागू है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
गौरतलब है कि मणिपुर में 2004 से लेकर शुरुआती 2022 तक पूरे राज्य (इम्फाल नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर) को लगातार “अशांत क्षेत्र” घोषित किया गया था।