नई दिल्ली. Amarnath Yatra 2025 को लेकर एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश की वजह से Pahalgam और Baltal routes पर यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। प्रशासन के मुताबिक यह फैसला pilgrims’ safety को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि लगातार बारिश से yatra tracks slippery और landslide-prone हो गए हैं। 18 जुलाई से यात्रा के दोबारा शुरू होने की संभावना है।
Track Repair और BRO की तैनाती
Border Roads Organisation (BRO) ने सभी आवश्यक मरम्मत कार्यों के लिए अपने संसाधनों को routes to Amarnath Cave पर तैनात किया है। अधिकारी बता रहे हैं कि दोनों आधार शिविरों पर 18 जुलाई से यात्रा पुनः शुरू करने से पहले safety inspections पूरी की जाएंगी।
क्या बोले प्रशासनिक अधिकारी?
Divisional Commissioner Kashmir, Vijay Kumar Bidhuri ने स्पष्ट किया कि continuous rain के कारण urgent maintenance की आवश्यकता है। इसलिए आज किसी भी श्रद्धालु को Holy Amarnath Cave की ओर जाने की अनुमति नहीं है। हालांकि, Panchtarni Camp में ठहरे यात्रियों को सुरक्षा व्यवस्था के तहत Baltal base camp तक पहुंचने दिया जा रहा है। मौसम की स्थिति सुधरने पर कल से यात्रा फिर शुरू हो सकती है।
Landslide में महिला श्रद्धालु की मौत, तीन घायल
यह कदम उस घटना के बाद लिया गया जिसमें Baltal route landslide में एक महिला की मृत्यु हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। Sonabai (55) नामक श्रद्धालु, जो राजस्थान से थीं, की मौके पर मौत हो गई। घायलों को Baltal Base Camp Hospital में भर्ती कराया गया। इस वर्ष यात्रा के दौरान अब तक कुल 15 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है।
Landslide का कारण: अचानक आई तेज़ बारिश
Sudden cloudburst और तेज़ बारिश ने Z-morh, Baltal region में landslide की स्थिति उत्पन्न कर दी। पानी की तेज़ धाराओं ने Amarnath Yatra path पर मलबा बहा दिया, जिससे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया। Monsoon season में पहाड़ी इलाकों में ऐसी घटनाएं आम हैं, और यह उसी का उदाहरण है।
यात्रा का स्टेटस
3 जुलाई से शुरू हुई इस यात्रा में अब तक 2.47 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं।
4 लाख से ज्यादा लोगों ने online Amarnath Yatra registration करवाया है।
2023 में, कुल 5.10 लाख श्रद्धालुओं ने यात्रा की थी।
इस साल की यात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी।