नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान सीमा तनाव के बीच केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा रक्षा सुधार लागू करते हुए थल सेना (Indian Army), नौसेना (Indian Navy) और वायु सेना (Indian Air Force) में Unified Military Command Structure के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य संगठन को और अधिक integrated and efficient बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
क्या है अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023?
केंद्र द्वारा जारी किए गए ये निर्देश Inter-Services Organisation (Command, Control and Discipline) Act 2023 के अंतर्गत लाए गए हैं, जिसे संसद ने मानसून सत्र 2023 के दौरान पारित किया था। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून 15 अगस्त 2023 को प्रभावी हुआ और 10 मई 2024 से औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
27 मई से यह नए नियम अमल में आ जाएंगे, जिन्हें Official Gazette Notification के ज़रिए प्रकाशित किया गया है।
नए दिशानिर्देशों से क्या होगा बदलाव?
नए दिशानिर्देशों के तहत Integrated Service Organisations (ISO) को अब अपने अधीन कार्यरत सैन्य कर्मियों पर पूर्ण आदेश, नियंत्रण और discipline बनाए रखने का अधिकार होगा। इससे Joint Military Operations, संगठनात्मक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता में बड़ा सुधार आएगा।
इन नए नियमों से किसी भी शाखा – Army, Navy या Air Force – की विशिष्ट सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, जिससे Operational Autonomy बरकरार रहेगी।
क्यों है यह कदम महत्वपूर्ण?
भारत की भौगोलिक स्थिति और मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव को देखते हुए Tri-services coordination बेहद जरूरी हो गया है। यह अधिनियम सुनिश्चित करेगा कि संकट के समय में सेनाएं joint command system के तहत तेजी से निर्णय ले सकें और national security को बेहतर तरीके से संभाल सकें। विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहल भारत को अमेरिका और चीन जैसे देशों के modern defense models की ओर ले जाती है, जहां एकीकृत कमान प्रणाली से सैन्य दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।