मंडी. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में पशुपालन एक प्रमुख रोजगार का साधन है. मंडी जिला में पशुपालन करने वाले लोगों में थोड़ी खुशी देखी जा रही है. यह एक ऐसा क्षेत्र है जिससे न केवल ग्रामीण लोगों की दैनिक जरूरतें पूरी होती हैं बल्कि युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध भी होती हैं. पशुपालन को और सुदृढ़ करने के लिए सरकार ने मंडी में कई तरह की योजनाओं का शुभारंभ किया है.
पिछले चार वर्षों में प्रदेश में दो नए पॉलीक्लीनिक, 36 पशु चिकित्सालय तथा 43 नए पशु औषधालय खोले गए हैं. मंडी जिला में छह नए पशु चिकित्सालय खोले गए हैं. जिससे दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालकों को घर के पास ही पशुओं की स्वास्थ्य जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध हुई है.
मंडी जिला में पशु चिकित्सा सस्थानों की स्थापना के लिए लगभग दो करोड़ 50 लाख रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. प्रदेश में नई पशु प्रजनन नीति तैयार की गई है जिससे देसी नस्ल की गाय का विकास हो सके. प्रदेश के 200 नए पशु चिकित्सा संस्थानों में कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है.
दूध की खरीद मूल्य में वृद्धि
दूधारू पशुओं की देखरेख पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. दूधारू पशु बीमा योजना के अंतर्गत 745 पशुओं का बीमा किया जा चुका है. पिछले चार वर्षों में दूध के खरीद मूल्य में भी लगभग 4 रुपये की बढ़ोत्तरी की गयी है.
हिमाचल प्रदेश में 22 ऐसे जगहों का निर्माण किया गया है जहां दूध को ठंडा रख सके. इस योजना से दूध के खराब होने की संभावनाएं कम हुई हैं. प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से दूध उत्पादकों को राहत मिली है.