नई दिल्ली. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 4 सितंबर (गुरुवार) को बिहार में पूरे राज्यव्यापी बंद का समापन किया। यह बंद कांग्रेस और महागठबंधन के खिलाफ आयोजित किया गया था, क्योंकि हाल ही में दरभंगा में हुए एक संयुक्त कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था। बंद सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक चला। इस दौरान आपातकालीन सेवाएँ और रेलवे संचालन प्रभावित नहीं हुए। इस प्रदर्शन का नेतृत्व बीजेपी महिला मोर्चा ने किया।
इस कारण किया बिहार बंद
बंद का मुख्य कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री और उनकी मां के खिलाफ किए गए अपमानजनक बयान थे। प्रधानमंत्री मोदी ने 2 सितंबर को अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए उन्हें ‘नामदार’ कहा, जो चांदी के चम्मच के साथ पैदा हुए और गरीब माताओं या उनके बच्चों की कठिनाइयों को नहीं समझ सकते, क्योंकि उनके लिए सत्ता ‘विरासत’ मात्र है। उन्होंने कहा, “गरीब मां की तपस्या और उसके बेटे का दुख—ये युवा राजघराने में जन्मे राजकुमार नहीं समझ सकते। ये ‘नामदार’ लोग चांदी के चम्मच के साथ पैदा हुए हैं। देश और बिहार की सत्ता उनके परिवार की विरासत जैसी लगती है।
बिहार के विभिन्न हिस्सों में बंद का प्रभाव देखा गया
बिहार के विभिन्न हिस्सों में बंद का प्रभाव देखा गया। मुजफ्फरपुर में बीजेपी महिला मोर्चा की कार्यकर्ता सड़कों पर निकलीं और राहुल गांधी के खिलाफ नारे लगाए। पटनाः-गया हाइवे पर यातायात जाम किया गया, टायर जलाए गए और वाहनों के टायर फुलाए गए। बंद के दौरान शैक्षणिक संस्थान, बाजार और सरकारी कार्यालय बंद रहे, जबकि आपातकालीन सेवाएँ, पेट्रोल पंप और रेलवे संचालन जारी रहे।
बीजेपी नेताओं का कहना था कि यह प्रदर्शन सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश की माताओं की गरिमा के लिए था। महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष मोंलिशा ने चेतावनी दी कि यदि माफी नहीं दी गई, तो आंदोलन और तेज होगा। बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को देश से माफी मांगनी चाहिए।
महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने बीजेपी द्वारा बंद बुलाने की आलोचना की और इसे अशुद्ध और ईमानदार राजनीति” करार दिया। उनका कहना था कि बीजेपी महागठबंधन की 1,300 किलोमीटर लंबी यात्रा की सफलता से घबराई है।
बिहार के बैंका, सीतामढ़ी, गया, बेत्तियाह और जहानाबाद जैसे कई जिलों में बंद के दौरान बाजार बंद हुए और सड़कों पर प्रदर्शन हुआ। कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए और विरोध दर्ज कराया। इस बंद ने पूरे बिहार में विपक्ष द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के खिलाफ बीजेपी और NDA की दृढ़ता को दर्शाया।